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Saturday, 16 November, 2024
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अप्रैल-जुलाई में भारत 30 से 35 लाख टन गेहूं निर्यात करेगा : खाद्य सचिव

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नयी दिल्ली, आठ अप्रैल (भाषा) विश्व बाजार में गेहूं की बढ़ती मांग के कारण अप्रैल-जुलाई अवधि के दौरान व्यापारियों ने 30 से 35 लाख टन गेहूं निर्यात को लेकर अनुबंध किये हैं। खाद्य सचिव सुधांशु पांडे ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, देश का गेहूं निर्यात वित्त वर्ष 2021-22 में 70 लाख टन को पार कर गया, जबकि वित्तवर्ष 2020-21 में यह निर्यात 21.55 लाख टन था।

पांडे ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘व्यापार जगत का अनुमान है कि इस साल अप्रैल-जुलाई की अवधि के दौरान लगभग 30-35 लाख टन गेहूं निर्यात के लिए अनुबंध किया गया है।’’

उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि गेहूं की अधिकतम मात्रा का निर्यात गुजरात, राजस्थान और मध्य प्रदेश से किया जायेगा क्योंकि इन राज्यों की बंदरगाहों से निकटता है और वहां आसानी से इनका निर्यात किया जा सकता है।

सचिव के अनुसार नतीजतन, निजी व्यापारी इन राज्यों से निर्यात के लिए गेहूं खरीद रहे हैं। अगर अंतरराष्ट्रीय कीमतें और बढ़ती हैं तो व्यापारी हरियाणा और उत्तर प्रदेश जैसे अन्य राज्यों से अनाज खरीद सकते हैं।

उन्होंने कहा कि निजी व्यापारियों द्वारा निर्यात के लिए गेहूं खरीद के कारण सरकारी खरीद में कमी आ सकती है, लेकिन यह कहना जल्दबाजी होगी। हालांकि, सरकार नियमित रूप से स्थिति पर नजर रखे हुए है।

पिछले हफ्ते, वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा था कि वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान देश का गेहूं निर्यात 100 लाख टन के स्तर को पार कर सकता है।

रूस के यूक्रेन पर हमले के बाद कई देश भारत और अन्य देशों से गेहूं खरीद रहे हैं। रूस के खिलाफ पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों ने उनके गेहूं के निर्यात को कम कर दिया है।

भारत सरकार वैश्विक बाजार में गेहूं की ऊंची कीमतों की स्थिति का फायदा लेने के लिए गेहूं के निर्यात को बढ़ावा देने की योजना बना रही है। भारत विश्व में गेहूँ का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है।

भाषा राजेश राजेश रमण

रमण

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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