नयी दिल्ली, आठ अप्रैल (भाषा) केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने शुक्रवार को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के देशों से समान चुनौतियों जैसे लोगों तक खाद्य, वहनीय स्वास्थ्य सेवा और ऊर्जा की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए नवोन्मेषी वहनीय समाधान तलाशने के लिए हाथ मिलाने का आह्वान किया।
केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और पृथ्वी विज्ञान राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) सिंह ने कहा कि एसीओ सदस्य देशों को जलवायु परिवर्तन और जैव विविधता क्षय जैसी उभर रही चुनौतियों का सामना करने के लिए मिलकर काम करना चाहिए।
वीडियो कांफ्रेंस के जरिये एससीओ की बैठक को संबोधित करते हुए सिंह ने एसीसीओ की 2021 में दुशांबे में हुए शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कही गई बात को याद किया। मोदी ने क्षेत्र को उभरती तकनीकों में साझेदार बनने का आह्वान किया था ताकि वह विकसित दुनिया से प्रतिस्पर्धा कर सके।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘इसके लिए हमें अपने प्रतिभाशाली युवाओं को विज्ञान और तार्किक सोच के लिए प्रोत्साहित करना होगा।’’ उन्होंने कहा कि इस तरह की सोच और नवोन्मेष की भावना को युवा उद्यमियों और स्टार्ट आप को जोड़कर प्रोत्साहित किया जा सकता है।
सिंह ने बैठक में मौजूद अन्य मंत्रियों को बताया कि भारत ने हाल में कई महत्वाकांक्षी पहल की हैं जैसे नेशनल मिशन ऑन साइबर फिजिकल सिस्टम, नेशनल मिशन ऑन क्वांटम कंप्यूटिंग, नेशनल मिशन ऑन सुपर कंप्यूटिंग आदि ताकि विज्ञान के उभरते क्षेत्र में वैज्ञानिक नेतृत्व तैयार किया जा सके।
उल्लेखनीय है कि एससीओ में मौजूदा समय में आठ देश सदस्य हैं जिनमें चीन, भारत, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, रूस, पाकिस्तान, तजाकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं।
भाषा धीरज नरेश
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