नई दिल्ली: रूस को संयुक्त राष्ट्र के प्रमुख मानवाधिकार निकाय से सस्पेंड कर दिया गया है. निलंबित करने की मांग वाले प्रस्ताव पर संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में गुरुवार शाम को वोटिंग हुई जिसमें रूस के खिलाफ 93 सदस्यों ने मतदान किया. वहीं, 24 सदस्यों ने प्रस्ताव का विरोध किया और 58 सदस्यों ने मतदान से दूरी बनाई.
भारत ने भी मतदान प्रक्रिया से खुद को बाहर रखा.
बता दें कि यूक्रेन की राजधानी कीव के उपनगर बुचा से सामने आई नागरिकों के शवों की भयावह तस्वीरों के बाद संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत लिंडा थॉमस-ग्रीनफील्ड ने रूस को 47-सदस्यीय मानवाधिकार परिषद से हटाने का आह्वान किया था. अमेरिका ने मानवाधिकार परिषद में रूस की भागीदारी को एक ‘स्वांग’ करार दिया है.
एंटीगुआ और बारबुडा, कनाडा, कोलंबिया, कोस्टा रिका, जॉर्जिया, जापान, लाइबेरिया, मोल्दोवा गणराज्य, यूक्रेन, ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपीय संघ के 27 सदस्यों की ओर से यूरोपीय संघ के प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख के अनुरोध के बाद यूएनजीए ने गुरुवार को एक बार फिर आपातकालीन विशेष सत्र शुरू किया था.
गौरतलब है कि मानवाधिकार परिषद में 47 सदस्य देश हैं, जो महासभा के सदस्यों द्वारा चुने जाते हैं.
महासभा, उपस्थित और मतदान करने वाले सदस्यों के दो-तिहाई बहुमत से, ‘ मानवाधिकारों के घोर और चरणबद्ध उल्लंघन करने वाले परिषद के सदस्य के, परिषद में अधिकारों को निलंबित कर सकती है.’
मतदान में हिस्सा ना लेने वाले सदस्य देशों की गिनती नहीं की जाती है और प्रस्ताव को पारित करने के लिए उसके पक्ष में दो-तिहाई मतों की जरूरत है.
थॉमस-ग्रीनफील्ड ने सोमवार को कहा था, ‘ हमें यकीन है कि रूसी बलों ने यूक्रेन में युद्ध अपराधों को अंजाम दिया है और हमारा मानना है कि इसके लिए रूस की जवाबदेही तय की जानी चाहिए.’
उन्होंने कहा, ‘मानवाधिकार परिषद में रूस की भागीदारी एक स्वांग है.’
बुचा में यूक्रेनी नागरिकों की हत्या की दुनियाभर में निंदा की जा रही है और रूस पर और कड़े प्रतिबंध लगाने की मांग भी की गई है. हालांकि, रूस ने इन सभी आरोपों को खारिज किया है.
अमेरिका में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने भी यूक्रेन के बुचा में नागरिकों की हत्याओं की खबरों की निंदा की है.
भाषा के इनपुट से
यह भी पढ़ें: पाकिस्तान SC ने अविश्वास प्रस्ताव रद्द करने को बताया असंवैधानिक, इमरान खान 9 अप्रैल को करेंगे वोटिंग का सामना