भुवनेश्वर , सात अप्रैल (भाषा) ओलंपिक चैंपियन नीदरलैंड अपने दूसरे दर्जे की टीम के साथ आया है लेकिन इसके बावजूद शुक्रवार से यहां होने वाले दो चरण के एफआईएच प्रो लीग मुकाबले में दुनिया की नंबर एक टीम के खिलाफ भारतीय महिला हॉकी टीम की राह आसान नहीं होगी।
ओलंपिक में नीदरलैंड की खिताबी जीत के दौरान टीम का हिस्सा रही कोई भी खिलाड़ी भारत दौरे पर नहीं आई है लेकिन नीदरलैंड में खेल के स्तर को देखते हुए भारत को कड़ी चुनौती मिलने की संभावना है।
दोनों टीम तोक्यो ओलंपिक के दौरान जब पिछली बार भिड़ी थी तो नीदरलैंड ने 5-1 से जीत दर्ज की थी।
अपने पदार्पण सत्र में हालांकि अब तक भारतीय टीम ने अच्छा प्रदर्शन किया है। टीम छह मैच में 12 अंक के साथ चौथे स्थान पर चल रही है।
दूसरी तरफ नीदरलैंड की टीम छह मैच में 17 अंक के साथ शीर्ष पर है।
भारतीय कप्तान सविता को नीदरलैंड के मजबूत पक्षों के बारे में पता है लेकिन स्वदेश में खेलने और मार्गदर्शन के लिए नीदरलैंड की कोच यानेक शॉपमैन की मौजूदगी से मेजबान टीम को कुछ मदद मिल सकती है।
सविता ने कहा, ‘‘बेशक नीदरलैंड दुनिया की नंबर एक टीम है लेकिन अगर हम हमारे पिछले मैच को देखें तो ओलंपिक का पहला मैच था तो पहले हाफ के दोनों टीम 1-1 से बराबर थीं। दूसरे हाफ में हमने गलतियां की।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अब टीम काफी रोमांचित है कि हमें एक बार फिर नीदरलैंड से खेलने का मौका मिल रहा है और वह भी स्वदेश में इसलिए हम अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेंगे। ’’
भारतीय टीम हालांकि राहत की सांस ले सकती है कि नीदरलैंड ने इन दो मुकाबलों के लिए पूरी तरह से नई और युवा टीम उतारी है।
सविता ने कहा, ‘‘हमारा ध्यान अपनी टीम पर है लेकिन हमें विपक्ष का सम्मान करने और उनकी ताकत तथा कमजोरियों पर काम करने की जरूरत है। नीदरलैंड में क्लब हॉकी बहुत मजबूत है, भले ही उनकी मुख्य खिलाड़ी नहीं आ रही हों लेकिन उनके पास एक मजबूत टीम बनाने के लिए पर्याप्त खिलाड़ी हैं। नए खिलाड़ियों को मौका मिला है और वे भी अपना सर्वश्रेष्ठ देना चाहेंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमारी भी कुछ मुख्य खिलाड़ी (सलीमा टेटे, शर्मिला देवी और लालरेमसियामी) हैं जो जूनियर विश्व कप में खेल रही हैं, जिससे अन्य खिलाड़ियों को मौका मिलता है।’’
कप्तान ने कहा कि सिर्फ टीम में एक भी ओलंपियन नहीं होने के कारण नीदरलैंड को कम आंकना गलती होगी।
सविता ने कहा, ‘‘उन्हें हलके से नहीं लिया जा सकता, अगर सीनियर खिलाड़ी होते तो हमें बहुत मजा आता क्योंकि हमें बहुत कुछ सीखने का मौका मिलता। हम किसी को कम नहीं आंक सकते, सब कुछ इस बात पर निर्भर करता है कि आप उस दिन कैसे खेलते हैं।’’
तोक्यो ओलंपिक में भारतीय टीम की कप्तान रहीं रानी रामपाल चयन के लिए उपलब्ध है और यह भारतीय टीम के लिए अच्छा संकेत है।
भाषा सुधीर आनन्द
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