नई दिल्ली: कई सालों तक अपनी सेना के लिए हवा में ईंधन भरने वाले विमानों को खरीदने की कोशिशें करने के बाद, भारत अब मौजूदा बोइंग 767 यात्री विमानों को टैंकरों में बदलने की सोच रहा है.
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने भारत में यात्री विमान को मल्टी-मिशन टैंकर ट्रांसपोर्ट (MMTT) विमान में बदलने के लिए इजरायल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज (IAI) के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. सरकारी विमानन कंपनी ने बुधवार को यह घोषणा की.
समझौते के तहत, एचएएल यात्री विमानों को कार्गो और परिवहन क्षमताओं के साथ हवा में ईंधन भरने वाले विमान में बदलेगा.
सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया कि यह करार बोइंग 767 यात्री विमानों में बदलाव से भी जुड़ा है, जिसका उपयोग इटैलियन और जापानी सेनाओं द्वारा भी किया जाता है.
बोइंग के पास KC-46 पेगासस नाम का एक विशेष टैंकर है, जो बोइंग 767 का ही एक वैरिएंट है. यात्री विमानों का कार्गो और टैंकरों में बदलना इजरायल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज के लिए एक आकर्षक बिजनेस रहा है, और यह इस बिजनेस में एक प्रमुख खिलाड़ी के तौर पर उभरी है.
मध्य हवा में ईंधन भरने की क्षमता भारतीय वायुसेना के लिए एक बड़ी कमी रही है. यह तकनीक किसी लड़ाकू जेट को लंबी दूरी को तय करने के दौरान बीच में रुके बिना ईंधन भरने की क्षमता प्रदान करती है.
भारत फिलहाल छह रूसी IIyushin-78 टैंकरों का उपयोग कर रहा है, जिन्हें पहली बार 2003 में शामिल किया गया था. लेकिन वो मेनटेनेंस और सर्विस जैसे मुद्दों का सामना कर रहे हैं.
नए मिड-एयर रिफ्यूलर खरीदने की कोशिश जारी है, फिलहाल बोइंग और एयरबस दोनों इसके लिए प्रतिस्पर्द्धा में हैं.
फिलहाल भारत सरकार फ्रांसीसी वायुसेना से ए330 मल्टी-रोल टैंक ट्रांसपोर्ट पट्टे पर लेने के लिए दोनों देशों की सरकार के स्तर पर सौदे की कोशिश के तहत फ्रांस से बातचीत कर रही है. इनका उपयोग ट्रेनिंग के लिए किया जाना है.
सूत्रों ने कहा कि सीमित अवधि के लिए पट्टे पर लेने के बारे अभी विचार किया जा रहा है, लेकिन अभी ऐसा कोई विशेष टैंकर नहीं है जिसे खरीदा जाए.
एक सूत्र ने कहा, ‘नया टैंकर खरीदने के बाद यात्री विमान को टैंकर में बदलना काफी सस्ता विकल्प है.’
छह एयरक्राफ्ट बदले जाएंगे
सूत्रों ने कहा कि भारत कम से कम छह विमानों को टैंकरों में बदलने पर विचार कर रहा है.
ताजा घटनाक्रम एयरबस के लिए एक झटका है, जो हवा में ईंधन भरने वाले विमानों की खरीद की भारतीय वायुसेना की योजना में सबसे अहम दावेदार के तौर पर उभरा था.
सूत्रों ने बताया कि यद्यपि अनुबंध एचएएल और आईएआई के बीच हुआ है, लेकिन भविष्य के यात्री विमानों को टैंकरों में बदलने के लिए किसी भी प्रोग्राम में बोइंग की अहम भूमिका होगी क्योंकि ओरिजिनल इक्वीपमेंट मैनुफैक्चरर (ओईएम) वही है.
उत्तर प्रदेश के कानपुर स्थित लोहिया एयरोस्पेस सिस्टम्स, जो लोहिया समूह का हिस्सा है, ने IAI के साथ इज़रायली सहायक कंपनी लाइट एंड स्ट्रांग लिमिटेड के माध्यम से एक टाइ-अप किया है. इस कंपनी को एयरोस्पेस और सैन्य कार्बन-फाइबर और ग्लास-फाइबर कंपोजिट कंपोनेंट के उत्पादन में महारत हासिल है.
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