नयी दिल्ली/अमरावती, पांच अप्रैल (भाषा) आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई. एस. जगन मोहन रेड्डी ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और उनसे पोलावरम कृषि परियोजना की 55,000 करोड़ रुपये से अधिक की संशोधित लागत समेत अन्य लंबित परियोजनाओं की जल्द मंजूरी के लिए हस्तक्षेप की मांग उठायी।
वहीं, आंध्र प्रदेश सरकार की ओर से जारी एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया कि मुख्यमंत्री रेड्डी ने प्रधानमंत्री से मुलाकात के दौरान कोविड-19 और पूर्ववर्ती राज्य के बंटवारे के कारण होने वाले राजस्व नुकसान को ध्यान में रखते हुए आंध्र प्रदेश की ”क्रेडिट लिमिट” (ऋण सीमा) को संशोधित करने का अनुरोध किया।
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री के मुताबिक, राज्य को कोविड-19 के कारण 33,478 करोड़ रुपये का राजस्व घाटा हुआ जबकि प्रदेश को संक्रमण की रोकथाम व उपचार पर 7,130 करोड़ रुपये अतिरिक्त खर्च करने पड़े।
उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत लाभार्थियों की पहचान के लिए अपनाई जाने वाली प्रक्रिया त्रुटिपूर्ण है और राज्य के लिए अन्याय है।
रेड्डी ने कहा कि राज्य के 1.45 करोड़ घरों को राशन उपलब्ध कराया जा रहा है लेकिन इसमें से केवल 89 लाख को केंद्र से राशन मिल पा रहा है जबकि बाकी 56 लाख परिवारों को राज्य सरकार को अपने खर्च पर राशन मुहैया कराना पड़ रहा है।
रेड्डी ने प्रधानमंत्री से कहा, ”मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि इसमें तत्काल सुधार करें।”
वहीं, दिल्ली में आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि लगभग एक घंटा चली बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री के समक्ष आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम-2014 के कई लंबित प्रावधानों का भी उल्लेख किया जोकि अब तक लागू नहीं हो सके हैं।
इस दौरान रेड्डी ने केंद्र सरकार से पोलावरम राष्ट्रीय कृषि परियोजना की संशोधित लागत को जल्द मंजूरी दिए जाने का भी आग्रह किया।
सूत्रों ने बताया कि राज्य के विभिन्न मुद्दों को उठाने के साथ ही मुख्यमंत्री ने बंटवारे के बाद से आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के बीच बिजली बकाया के भुगतान संबंधी विवाद को सुलझाने के लिए प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप करने का आग्रह किया।
रेड्डी की इस साल यह मोदी से दूसरी मुलाकात रही।
रेड्डी राज्य के मुद्दों पर चर्चा के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी मुलाकात कर सकते हैं।
भाषा शफीक पवनेश
पवनेश
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