दिल्ली के बीजेपी मेयर द्वारा नवरात्रि के दौरान मांस की दुकानों को बंद करने का कदम अपमानजनक है. आबादी एक हिस्से पर शाकाहार को थोपना व्यक्तिगत स्वतंत्रता को रौंदता है. निश्चित रूप से बीजेपी इस तरह की राजनीतिक मूर्खता के साथ राजधानी में खोई हुई जमीन वापस पाने की उम्मीद नहीं कर सकती है. वरिष्ठ नेताओं को यह सिलसिला खत्म कर देना चाहिए.