नई दिल्ली: सोमवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने ये दवा किया कि वह ‘अमेरिका विरोधी’, ‘भारत विरोधी’ या किसी अन्य देश के विरोधी नहीं हैं बल्कि वह सभी देशों के साथ आपसी सम्मान पर आधारित अच्छे संबंध चाहते हैं. उन्होंने कहा हम सिर्फ नीतियों के खिलाफ हो सकते हैं.
इमरान ने आगे कहा की वह उन देशों के खिलाफ हैं जो दूसरे देशों की इज्जत और सम्मान नहीं करते और सिर्फ आदेश जारी करते हैं. उन्होंने कहा कि सिर्फ कर्ज में डूबे रहने के कारण एक राष्ट्र को कभी भी किसी देश का ‘गुलाम’ नहीं बनना चाहिए. ऐसे मे मौत गुलामी से बेहतर है.
खान ने टेलीविजन पर प्रसारित एक जन संवाद कार्यक्रम में कहा कि नेशनल असेंबली भंग होने के बाद चुनाव की तैयारी करने के बजाय सुप्रीम कोर्ट की ओर देखने की संयुक्त विपक्ष की रणनीति इस बात का संकेत है कि वह ‘जनता की प्रतिक्रिया से डरता है.’
‘डॉन’ समाचार पत्र ने खान के हवाले से कहा, ‘मैं किसी देश के खिलाफ नहीं हूं. मैं भारत विरोधी या अमेरिका विरोधी नहीं हूं, लेकिन हम नीतियों के खिलाफ हो सकते हैं. मैं उनसे दोस्ती चाहता हूं और सम्मान की भावना होनी चाहिए.’
नेशनल असेंबली के उपाध्यक्ष कासिम सूरी ने रविवार को प्रधानमंत्री खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर दिया था. उसके बाद राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने खान की सिफारिश पर निचले सदन को भंग कर दिया था. पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल असेंबली के उपाध्यक्ष द्वारा अविश्वास प्रस्ताव को खारिज करने और उसके बाद संसद को भंग करने के मामले में सुनवाई सोमवार को एक दिन के लिए स्थगित कर दी. न्यायालय ने इस हाई प्रोफाइल मामले में ‘उचित आदेश’ देने की बात कही.
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