(भरत शर्मा)
नयी दिल्ली, चार अप्रैल (भाषा) पूर्व कप्तान अंजुम चोपड़ा का मानना है कि हाल में संपन्न महिला विश्व कप में भारत कभी खिताब के दावेदारों में शामिल नहीं था और भविष्य में वह चाहती हैं कि टीम खराब फैसले करने की विरासत को पीछे छोड़कर आगे बढ़े।
न्यूजीलैंड में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) की इस शीर्ष प्रतियोगिता में भारत उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाया और उसके अभियान का अंत ग्रुप चरण में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ हार के साथ हो गया।
अंजुम ने पीटीआई को दिए साक्षात्कार में कहा, ‘‘समय आ गया है कि महिला क्रिकेट खराब फैसले करने की विरासत से उबरे और भविष्य में वे जो करना चाहते हैं तथा उसे कैसे करना चाहते हैं इसे लेकर ईमानदार रहें। अन्यथा हम कभी वहां तक नहीं पहुंच पाएंगे। ’’
पांच साल पहले पिछले विश्व कप में उप विजेता बनने के बाद भारत से काफी उम्मीदें थी लेकिन कमेंटेटर के रूप में टूर्नामेंट पर करीबी नजर रखने वाली अंजुम को लगता है कि इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता से पहले के प्रदर्शन को देखते हुए मिताली राज की अगुआई वाली टीम कभी ट्रॉफी जीतने की दावेदार नहीं लग रही थी।
भारत एकमात्र टीम देश था जिसे विश्व कप से पहले मेजबान न्यूजीलैंड के खिलाफ द्विपक्षीय श्रृंखला खेलने का मौका मिला लेकिन इसके बावजूद टीम ना तो हालात से पूरी तरह सामंजस्य बैठा पाई और ना ही अपना संयोजन तय कर पाई।
अंजुम ने कहा, ‘‘मैं यह नहीं कहूंगी कि भारत खराब खेला। उन्होंने कुछ साधारण मुकाबले खेले जहां वे बेहतर प्रदर्शन कर सकते थे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘विश्व कप से पहले न्यूजीलैड के खिलाफ खिलाड़ियों ने जिस तरह की तैयारी और कौशल दिखाया उसे देखकर मैं पाकिस्तान के खिलाफ उनके रवैये को देखकर हैरान थी (भारत हालांकि मैच जीत गया), उन्होंने जिस तरह की बल्लेबाजी की।’’
इस पूर्व कप्तान ने कहा, ‘‘न्यूजीलैंड के खिलाफ फैसला (पहले गेंदबाजी करने का) हैरानी भरा था। किसी देश में काफी पहले आ जाना, छह मैच खेलना और अगर इसके बावजूद आप हालात से अंजान हो तो यह कहना अनुचित होगा कि भारत ने खराब प्रदर्शन किया, मैं कहूंगी कि वह मुकाबले में ही नहीं थे।’’
भारत चार ‘सेना’ देशों इंग्लैंड, दक्षिण अफ्रीका, न्यूजीलैंड और आस्ट्रेलिया सभी से हार गया और सिर्फ पाकिस्तान, वेस्टइंडीज और पदार्पण कर रहे बांग्लादेश को ही हरा पाया।
अंजुम ने कहा कि इस प्रदर्शन की जिम्मेदारी सभी को लेनी होगी।
उन्होंने कहा, ‘‘सिर्फ खिलाड़ियों को जिम्मेदारी लेने की जरूरत नहीं है, सहयोगी स्टाफ सहित प्रत्येक को जिम्मेदारी लेनी चाहिए। किसी एक को बलि का बकरा नहीं बनाया जाना चाहिए। खराब दिन होते हैं लेकिन भारत के प्रदर्शन में निरंतरता नहीं थी।’’
अंजुम ने कहा, ‘‘खिलाड़ी और प्रसारणकर्ता के रूप में मैंने 1997 से 2022 तक सभी फाइनल और प्रत्येक सेमीफाइनल देखा है। मैंने कभी नहीं सोचा था कि वे खिताब जीत सकते हैं लेकिन उनके सेमीफाइनल में जगह बनाने की उम्मीद की थी।’’
मिताली ने अब तक संन्यास की घोषणा नहीं की है लेकिन यह तय है कि वह अगला विश्व कप नहीं खेलेंगी। बदलाव लाने का अब सही समय है और अंजुम ने कहा कि सभी प्रारूपों में भारत की अगुआई करने के लिए टी20 कप्तान हरमनप्रीत कौर से बेहतर कोई नहीं है।
स्मृति मंधाना का नाम भी कप्तानी की दौड़ में है और वह 33 साल की हरमनप्रीत से आठ साल छोटी भी हैं।
अंजुम ने कहा, ‘‘लंबे समय से हरमनप्रीत की पहचान नेतृत्वकर्ता के रूप में की गई। वह लंबे समय से टी20 टीम की अगुआई कर रही हैं। आप कैसे एक नेतृत्वकर्ता की अनदेखी करके बिलकुल नए व्यक्ति को यह जिम्मेदारी सौंप सकते हो?’’
उन्होंने कहा, ‘‘भारत के लिए टूर्नामेंट की सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी कौन रही? यह हरमनप्रीत थी। आप उम्मीद के साथ कप्तानी नहीं सौंप सकते। आपने उम्मीद के आधार पर विराट कोहली को कप्तान नहीं बनाया था, आपने उम्मीद के आधार पर रोहित शर्मा को कप्तानी नहीं सौंपी।’’
भाषा सुधीर पंत
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