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Monday, 23 December, 2024
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एनबीएफसी, बैंकों के बीच नियमों के सामंजस्य से खुली विलय की राह: पारेख

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मुंबई, चार अप्रैल (भाषा) एचडीएफसी के चेयरमैन दीपक पारेख ने सोमवार को कहा कि बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थानों (एनबीएफसी) के बीच नियमों के सामंजस्य से देश की सबसे बड़ी आवास वित्त कंपनी एचडीएफसी लिमिटेड और निजी क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक एचडीएफसी बैंक के विलय की राह खुली। पारेख ने कहा कि विलय की चर्चा पिछले तीन हफ्तों में हुई और बताया कि गैर-निष्पादित संपत्तियों की पहचान जैसी आवश्यकताएं तथा एनबीएफसी के लिए आकार आधारित नियमों में बदलाव देखने को मिलेंगे।

पारेख ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पिछले तीन वर्षों के दौरान नियमों में सामंजस्य हुआ है, जो नियामकीय जटिलताओं के कारण एक अलग आवास वित्त कंपनी चलाने की जरूरत को कम करता है।

उन्होंने कहा कि एक आवास वित्त कंपनी होने के चलते एचडीएफसी के पास प्राथमिक क्षेत्रों के ऋण नहीं दे सकती है, और उसे देनदारियों के लिए वैधानिक तरलता अनुपात या नकद आरक्षित अनुपात का पालन करने की जरूरत नहीं है।

उन्होंने कहा कि इसलिए कुछ छूट पाने के लिए केंद्रीय बैंक को एक आवेदन किया गया है, जहां आरबीआई संपत्ति और देनदारियों के उन हिस्सों के मिलान के लिए समय दे सकता है।

पारेख ने कहा कि उन्हें भरोसा है कि नियामक विलय योजना को मंजूरी देंगे।

उन्होंने कहा कि विलय के बाद बनी इकाई की संयुक्त बैलेंस शीट 17.87 लाख करोड़ रुपये और कुल संपत्ति 3.3 लाख करोड़ रुपये होगी।

पारेख ने यह भी कहा कि एचडीएफसी-एचडीएफसी बैंक के विलय से एचडीएफसी लिमिटेड के कर्मचारियों पर कोई असर नहीं होगा।

भाषा पाण्डेय

पाण्डेय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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