जगदलपुर(छत्तीसगढ़), तीन अप्रैल (भाषा) भारत के प्रमुख कथावाचक (स्टोरी टेलर) और सामाजिक उद्यमी नीलेश मिश्रा ने भारत में आदिवासी विरासत के समृद्ध केंद्र बस्तर जिले से ग्रामीण रचनाकारों के लिए एक राष्ट्रीय पहल शुरू की और इस मौके पर भावुक आदिवासी कलाकार उनके साथ खड़े थे।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मौजूदगी में मिश्रा ने बस्तर के जिलाधिकारी रजत बंसल के साथ शनिवार को समझौता ज्ञापन का आदान-प्रदान किया। इसके साथ ही उन्होंने ‘ टेन थाउजेंड क्रिएटर्स प्रोजेक्ट’ के तहत जिले को अपना पहला साझेदार बनाया।
ढोकरा कला के गुरु फगनू राम सागर या फगनू दादा ने यहां प्रसारित फिल्म में कहा, ‘‘ यह मुश्किल कला है। मैं चाहता हूं कि मेरे बाद मेरे बच्चे और उनके बच्चे को भी इस कला को सीखें और आगे बढ़ाएं।’’उनके इस वीडियो को मुख्यमंत्री ने भी उत्सुकता से देखा।
ढोकरा गैर लौह धातु की कलाकृति निर्माण की कला है और भारत में इसे सबसे प्राचीन कला स्वरूपों में माना जाता है।
छत्तीसगढ़ के चिलकुटी गांव के रहने वाले फगनू दादा दर्शकों के बीच बैठे थे तभी मिश्रा ने उन्हें मंच पर साथ चलने को कहा। इसके बाद वह अपनी लाठी के सहारे मंच पर आए और मुख्यमंत्री ने उनको सम्मानित किया।
मिश्रा ने कहा, ‘‘ हम प्रसन्न हैं कि फगनू दादा को आज सम्मानित किया जा रहा है। वह ‘ टेन थाउजेंड क्रिएटर्स प्रोजेक्ट’ के पहले सृजक हैं, जिनके पास हम पहुंचे हैं।’’
मिश्रा ने बताया कि इस परियोजना का अगला विस्तार गुजरात, बिहार और झारखंड में किया जाएगा और अन्य कई राज्यों से इसको लेकर चर्चा चल रही है।
भाषा धीरज दिलीप
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