नवसारी (गुजरात), तीन अप्रैल (भाषा) गुजरात के नवसारी की अदालत ने दो लोगों को हत्या के आरोप से उस समय बरी कर दिया ,जब उसने पाया कि जिसकी हत्या के आरोप में उन्हें गिरफ्तार किया गया है, वह व्यक्ति जिंदा है। दोनों आरोपियों को मामले में छह साल पहले गिरफ्तार किया गया था।
नवसारी के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सारंग व्यास ने 30 मार्च को सुनाए गए फैसले में उस समय नवसारी (ग्रामीण) पुलिस थाने में तैनात निरीक्षक और मामले के जांच अधिकारी प्रदीप सिंह गोहिल को ‘‘लापरवाही से जांच करने’ से पीड़ितों को हुई मानसिक और शारीरिक पीड़ा के साथ -साथ उनकी सामाजिक प्रतिष्ठा को हुए नुकसान की भरपाई के लिये 50-50 हजार का मुआवजा देने का निर्देश दिया है।
उल्लेखनीय है कि नागुलाल ग्यारी की कथित हत्या के मामले में छह जुलाई 2016 को नवसारी ग्रामीण पुलिस थाने में दर्ज प्राथमिकी के आधार पर मदन पिपलाडी और सुरेश बेताला को बतौर आरोपी गिरफ्तार किया गया था।
ग्यारी को मरा हुआ माना गया और पुलिस द्वारा बरामद शव की पहचान उसके परिवार ने समान-कद काठी होने की वजह से ग्यारी के तौर पर की थी।
मामले में आरोपी बनाए गए दोनों लोगों को जमानत मिलने से पहले तीन महीने तक जेल में रहना पड़ा और उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा- 302 (हत्या), धारा-201 (सबूतों को नष्ट करना) और धारा-114 (आपराधिक साजिश) का मुकदमा चलता रहा और अदालत ने पांच दिन पहले ही उन्हें बरी किया।
शव की गलत पहचान होने के बाद दोनों लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया। ग्यारी का परिवार शव लेकर अपने पैतृक स्थान मध्य प्रदेश के मंदसौर चला गया और उसका अंतिम संस्कार किया।
हालांकि, शव का अंतिम संस्कार करने के कुछ घंटे के बाद ही ग्यारी के भाई को पता चला कि वह जिंदा है और रिश्तेदार के यहां हैं। उन्होंने तुरंत इसकी सूचना पुलिस को दी।
जानकारी के मुताबिक इसके बावजूद पुलिस ने दोनों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया और दावा किया कि उन्होंने ग्यारी की हत्या की है, जो एक ही फैक्टरी में काम करते थे और नजदीक ही रहते थे। पुलिस के आरोप पत्र के अनुसार दोनों ने एक आरोपी के घर में रात को अवैध तरीके से घुसने पर ग्यारी की हत्या की।
ग्यारी ने पुलिस के सामने स्वीकार किया कि वह एक आरोपी के घर में खाना के लिए दाखिल हुआ था क्योंकि वह भूखा था लेकिन आरोपी की पत्नी के जगने की वजह से वह भाग गया और उसी दिन नवसारी छोड़ अपने रिश्तेदार के यहां चला गया।
भाषा धीरज दिलीप
दिलीप
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