पुणे (महाराष्ट्र), तीन अप्रैल (भाषा) राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी पर ‘‘जाति की राजनीति’’ करने के राज ठाकरे के आरोप को खारिज करते हुए पार्टी प्रमुख शरद पवार ने रविवार को कहा कि मनसे अध्यक्ष किसी भी मुद्दे पर कभी एक राय नहीं रखते हैं और साल में तीन से चार महीने ‘‘सुषुप्त अवस्था’’ में रहते हैं, जो उनकी ‘‘खासियत’’ है।
शनिवार को मुंबई में शिवाजी पार्क में एक रैली में राज ठाकरे ने शरद पवार की आलोचना करते हुए उन पर ‘‘समय-समय पर जातिगत कार्ड खेलने और समाज को बांटने’’ का आरोप लगाया था।
पवार ने कोल्हापुर में पत्रकारों से कहा, ‘‘इसके विपरीत राकांपा ने सभी जातियों के लोगों को एकजुट किया है। राज ठाकरे को टिप्पणी करने से पहले राकांपा का इतिहास पढ़ना चाहिए।’’
महाराष्ट्र नव निर्माण सेना (मनसे) प्रमुख के भाषण पर एक सवाल के जवाब में पवार ने तंज कसते हुए कहा, ‘‘राज ठाकरे तीन से चार महीने सोये रहते हैं और अचानक भाषण देने के लिए जाग जाते हैं। यह उनकी खासियत है। मुझे नहीं पता कि वह इतने महीनों तक क्या करते हैं।’’
पवार ने कहा कि मनसे प्रमुख कई बातें कहते हैं लेकिन उन पर टिके नहीं रहते। उन्होंने कहा, ‘‘वह राकांपा और जाति की राजनीति के बारे में बात करते हैं। असलियत यह है कि छगन भुजबल और मधुकरराव पिचड समेत अन्य नेताओं ने सदन में राकांपा के नेता के तौर पर काम किया है। हर कोई जानता है कि वे किस जाति से आते हैं।’’
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उनके भतीजे और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार विधानसभा में 30 साल पूरे करने के बाद सदन के नेता बने।
राज ठाकरे के उत्तर प्रदेश की तारीफ करने के बारे में पूछे जाने पर पवार ने कहा, ‘‘जैसा कि मैंने पहले भी कहा है कि वह किसी भी चीज के बारे में बात कर सकते हैं। मुझे नहीं पता कि उन्होंने उत्तर प्रदेश में क्या देखा। उत्तर प्रदेश में हाल में क्या हुआ?’’
उन्होंने कहा, ‘‘(उप्र में) चुनाव नतीजे अलग वजहों से अलग थे। लेकिन लखीमपुर खीरी में उत्तर प्रदेश की सीमाओं पर किसान प्रदर्शन कर रहे थे लेकिन कोई भी उनके मुद्दे हल करने नहीं आया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ योगी सरकार के दौरान कई चीजें हुई और अगर वह (राज ठाकरे) सरकार की तारीफ कर रहे हैं तो मैं कुछ नहीं कहना चाहता।’’
यह पूछे जाने पर कि क्या राज ठाकरे महाराष्ट्र में नगर निकाय चुनावों के मद्देनजर भारतीय जनता पार्टी के अनुसार अपनी पार्टी का रुख पेश करने की कोशिश कर रहे हैं, इस पर पवार ने पिछले चुनावों में मनसे के खराब प्रदर्शन का हवाला दिया।
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गोला सुभाष
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