दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गये दिन के सबसे अच्छे कॉर्टून
चयनित कार्टून पहले अन्य प्रकाशनों में प्रकाशित किए जा चुके हैं जैसे प्रिंट, ऑनलाइन या सोशल मीडिया पर और इन्हें उचित श्रेय भी मिला है।
गुरुवार को नागपुर में एक आरएसएस कार्यक्रम को संबोधित करने वाले पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कार्टूनिस्टों को काफी सामग्री दी । उदाहरण के लिए, साजिथ कुमार भ्रम को समझाने की कोशिश करते हैं,आरएसएस के कार्यकर्ताओं के बीच मुखर्जी का ये संविधान का संदर्भ है ये उनका मानना है । आलोचकों ने अक्सर आरएसएस और संविधान की प्रकृति के खिलाफ काम करने वाले सहयोगियों पर आरोप लगाया है, जो भारत को धर्मनिरपेक्ष मानते हैं।
मेल टुडे में, सतीश आचार्य भाजपा के स्टार प्रचारक नरेंद्र मोदी पे तंज कसते है कि, उन्होंने कहा कि उन्हें यह महसूस हो गया है कि उन्हें 2019 के चुनाव के पहले अन्य राजनीतिक दलों की जरूरत है । लेकिन केवल क्षेत्ररक्षकों के रूप में।
द हिंदू में सुरेंद्र, यह दिखाने की कोशिश करते है कि बीजेपी ने पहले अपने सहयोगियों को धक्का दिया और अब उन्हें वापस से लुभाने की कोशिश कर रही है।
सकल टाइम्स में अलोक निरंतर ने यह दर्शाया है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी प्रणब मुख़र्जी के भाषण को सुनने के लिए भेष बदल के वहाँ पहुंचे जबकि सोनिया गाँधी चोरी से भाषण सुनते हुए दिखाई दी| मुख़र्जी के इस निर्णय से कांग्रेस पार्टी के सहयोगियों में बहुत गुस्सा है|
कार्टूनिस्ट सागर कुमार ने व्यंग कसते हुए एक सीढ़ी दिखाई है जिसको चढ़ने से बीजेपी शायद 2019 का लोक सभा चुनाव जीत सकती है|
रजनीकांत के लिए एक आम आदमी: “आपने कहा कि काला का मतलब काले है, यही कारण है।”)
रजनीकांत की फिल्म काला गुरुवार को विवादों के बीच रिलीज़ हुई | स्टरलाइट कॉपर स्मेल्टर इकाई के प्रस्तावित विस्तार के खिलाफ तुतीकोरिन विरोधों पर अभिनेता-राजनेता के रुख के बारे में बहुत विवाद के दौरान रिलीज़ हुई| अभिनेता ने तुतीकोरिन में हिंसा के लिए “सामाजिक-विरोधी तत्व” को दोषी ठहराया था, जहां पुलिस गोलीबारी में 13 प्रदर्शनकारियों की कथित तौर पर हत्या कर दी गई थी, और राज्य सरकार से आग्रह किया कि वे आंदोलन करने वालों पर कड़ी कार्यवाई करें। यह विरोध प्लांट के कारण इकोलॉजिकल पोइज़निंग के आरोपों के कारण शुरू हुआ था।
फर्स्टपोस्ट में, मंजुल ने सुझाव दिया कि मुखर्जी अपने आरएसएस के मंच पर भाषण को सोच समझ कर दिया |
लाइव मिंट में, जयचंद्रन एन दिखाते हैं कि कैसे अमित शाह एनडीए को एकजुट करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं क्योंकि विभाजन दिखाना शुरू हो गया है।
Read in English : Pranab Mukherjee’s ‘shocking’ RSS speech and Amit Shah’s bid to woo back miffed allies