नयी दिल्ली, 31 मार्च (भाषा) ब्रिटेन की विदेश मंत्री लिज ट्रस ने बृहस्पतिवार को कहा कि यूक्रेन संकट के संदर्भ में भारत के साथ संबंधों को मजबूत करना पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है।
भारत दौरे पर आईं ट्रस ने विदेश मंत्री एस जयशंकर से बातचीत के ठीक बाद यह टिप्पणी की। ट्रस ने कहा कि यूक्रेन संकट ने समान विचारधारा वाले देशों के एक साथ काम करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला है। उन्होंने कहा कि दुनिया के लिए यूक्रेन संकट के दूरगामी प्रभाव होंगे।
जयशंकर और ट्रस ने भारत-ब्रिटेन संबंधों की व्यापक समीक्षा करते हुए हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर रणनीतिक ध्यान बनाये रखने की जरूरत पर जोर दिया।
ट्रस ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से भी मुलाकात की।
ब्रिटेन की विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘भारत के साथ संबंधों को मजबूत करना पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है क्योंकि हम एक अधिक असुरक्षित दुनिया में रह रहे हैं, जो हम (व्लादिमीर) पुतिन के यूक्रेन पर भयावह आक्रमण के मामले में देख रहे हैं।’’
जयशंकर के साथ ‘इंडिया-यूके स्ट्रैटेजिक फ्यूचर्स फोरम’ को संबोधित करते हुए ट्रस ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि यह बहुत जरूरी है कि रूस पर प्रतिबंध लगाए जाएं।’’
अपनी शुरुआती टिप्पणियों में ट्रस ने कहा कि संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और अंतरराष्ट्रीय कानून के सिद्धांतों का सम्मान करना महत्वपूर्ण है। जयशंकर ने रोडमैप-2030 के क्रियान्वयन में प्रगति के बारे में बात की जिसे पिछले साल मई में संबंधों को और व्यापक बनाने के लिए अपनाया गया था।
वार्ता से पहले ब्रिटिश उच्चायोग ने एक बयान में कहा कि लिज ट्रस जयशंकर से मुलाकात के दौरान यूक्रेन पर रूस के आक्रमण को रोकने के लिए लोकतांत्रिक देशों के मिलकर काम करने के महत्व को रेखांकित करेंगी।
गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों में कई विदेशी गणमान्य लोगों ने भारत की यात्राएं की है। अमेरिका के उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार दलीप सिंह बुधवार को भारत पहुंचे, जबकि रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव भी बृहस्पतिवार को दौरे पर आए हैं।
ट्रस रूस की आक्रामकता का ‘मुकाबला’ करने और देश पर वैश्विक रणनीतिक निर्भरता को घटाने के लिए एकजुटता चाहती हैं। ब्रिटिश उच्चायोग के बयान के अनुसार, उनका दौरा अगले सप्ताह होने वाली प्रमुख नाटो और जी-7 बैठकों से पहले हुआ है।
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