नयी दिल्ली,31 मार्च (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को राजस्थान एवं गुजरात सरकारों को संकटग्रस्त ग्रेट इंडियन बस्टर्ड (जीआईबी-पक्षी) को विलुप्त होने से बचाने के लिए ,जहां भी व्यावहारिक हो वहां, ऊपर से गुजर रहे बिजली के तारों को भूमिगत करने को लेकर स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया।
न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना एवं न्यायमूर्ति वी रामासुब्रमण्यम की पीठ ने इन दोनों राज्यों को तीन हफ्ते में पिछले साल अदालत से जारी आदेशों पर अपना अनुपालन हलफनामा एवं एवं स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया।
शीर्ष अदालत ने 19 अप्रैल, 2021 के आदेशानुसार गठित समिति को इस संबंध में अबतक हुई प्रगति तथा व्यावहारिकता के मुद्दे पर प्राप्त आवेदनों एवं उनपर लिये गये निर्णयों के बारे में रिपोर्ट देने को भी कहा।
पीठ ने कहा कि 19 अप्रैल, 2021 के आदेश में संशोधन संबंधी केंद्र के आवेदन एवं अन्य संबंधित आवेदन तीन हफ्ते बाद सुनवाई के लिए हाथ में लिये जाएंगे , तबतक अदालत को इस बात का भान हो जाएगा कि पिछले साल उसके द्वारा जारी किये गये आदेश के बाद कितना क्या हुआ है।
उच्चतम न्यायालय ने मामले की सुनवाई तीन हफ्ते बाद तय की। उसका आदेश सेवानिवृत आईएएस अधिकारी एम के रंजीतसिंह एवं अन्य की याचिका पर आया है। याचिकाकर्ताओं ने अदालत से जीआईबी को बचाने के लिए तत्काल आपात उपाय की गुजारिश की है।
पिछले सात 19 अप्रैल को शीर्ष अदालत ने जीआईबी को बचाने के लिए गुजरात एवं राजस्थान सरकार को एक साल के अंदर जहां भी व्यावहारिक हो वहां, ऊपर से गुजर रहे बिजली के तारों को भूमिगत करने का निर्देश दिया था।
भाषा राजकुमार नरेश
नरेश
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.