बेंगलुरू: कर्नाटक में मुस्लिम व्यापारियों के बढ़ते बहिष्कार ने बिजनेस लीडर्स का भी ध्यान खींचा है जबकि सरकार इसे हिजाब बैन विवाद को लेकर विरोध पर ‘प्रतिक्रिया’ के रूप में देख रही है.
ग्लोबल बिजनेस लीडर और बायोटेक्नोलॉजी की प्रणेता किरण मजूमदार शॉ ने बुधवार को कर्नाटक में मुस्लिमों के बहिष्कार की बढ़ती घटनाओं पर चिंता जताई है. एक ट्वीट में उन्होंने कहा, ‘कर्नाटक में आर्थिक विकास हमेशा समावेशी रहा है और हमें बिल्कुल भी सांप्रदायिक बहिष्कार को मंजूरी नहीं देनी चाहिए.’
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को ट्विटर पर टैग करते हुए उन्होंने लिखा, ‘अगर आईटीबीटी (इन्फोर्मेशन टेक्नोलॉजी एंड बिजनेस ट्रांसफोर्मेशन) सांप्रदायिक हो गया तो हमारी ग्लोबल लीडरशिप तबाह हो जाएगी. उन्होंने सीएम से अपील की कि धार्मिक तौर पर इस तरह बांटने की कोशिश का हल किया जाए.’
Karnataka has always forged inclusive economic development and we must not allow such communal exclusion- If ITBT became communal it would destroy our global leadership. @BSBommai please resolve this growing religious divide? https://t.co/0PINcbUtwG
— Kiran Mazumdar-Shaw (@kiranshaw) March 30, 2022
इस तरह किरण मजूमदार शॉ कर्नाटक की पहली बिजनेस लीडर हैं जिन्होंने इस मुद्दे पर कुछ कहा है.
ये बात तब शुरू हुई जब हिंदुत्व संगठनों ने इसी महीने की शुरुआत में कर्नाटक के मंदिरों में मुस्लिम व्यापारियों पर बैन लगा दिया था और मुस्लिमों की हलाला मीट की दुकान का बहिष्कार करने को भी कहा था क्योंकि अगले महीने ही उगादी होनी है.
कर्नाटक में नए साल के तौर पर उगादी मनाई जाती है जिसके अगले दिन हिंदू समुदाय के लोग मीट बनाते हैं. इस दिन मीट बेचने वालों की अच्छी कमाई होती है खासकर मुस्लिम दुकानदारों की भी.
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‘प्रतिक्रिया देने की जरूरत नहीं’
कर्नाटक की बोम्मई सरकार ने अब तक इस मामले पर कोई कार्रवाई नहीं की है. बुधवार को बोम्मई ने मीडिया द्वारा सवाल पूछने पर कहा कि इस पर ‘प्रतिक्रिया देने की जरूरत नहीं’ है.
गुरुवार को गृह मंत्री अमित शाह के कर्नाटक दौरे को लेकर प्रेस कांफ्रेंस में रिपोर्टर्स को बोम्मई ने बताया, ‘कई संगठन कई चीज़ों पर बैन की मांग कर रहे हैं. हमें पता है कि किस पर प्रतिक्रिया देनी है और किस पर नहीं. हम उस पर ही प्रतिक्रिया देंगे जिसपर जरूरत होगी और जिस पर जरूरत नहीं है उस पर हम प्रतिक्रिया नहीं देंगे.’
इस बीच भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव सीटी रवि ने हलाला प्रोडक्ट्स पर आपत्ति जताई और आर्थिक जिहाद का आरोप लगाया.
No more HALAL PRODUCTS for Hindus.
Let us fight unitedly against Economic JIHAD ! ! !
— C T Ravi ?? ಸಿ ಟಿ ರವಿ (@CTRavi_BJP) March 30, 2022
गुरुवार को दिप्रिंट से बात करते हुए रवि ने कहा, ‘कौन देता है ये हलाल सर्टिफिकेट? सरकार नहीं बल्कि कुछ मुस्लिम धार्मिक संगठन. हलाल का क्या मतलब है? क्या ये इस्लामिक धार्मिक हत्या है. एक धर्मनिरपेक्ष देश में सार्वजनिक दुकानों में इसे क्यों मंजूरी दी गई है? अगर किसी को हलाल मीट का व्यापार करना है तो वो अपने घर में करे.’
रवि ने हिंदुत्व संगठनों की कार्रवाई को भी सही ठहराया जो राज्य भर में निजी प्रतिष्ठानों, होटलों और रेस्तरां का दौरा कर रहे हैं और ग्राहकों को ‘हलाल’ मीट की उपलब्धता के बारे में सूचित करने वाले साइनेज को हटाने की मांग कर रहे हैं.
रवि ने कहा, ‘ये साइनबोर्ड अवैध हैं. अगर उन साइनबोर्ड को लगाना अवैध है, तो उन्हें हटाना वैध है.’
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