नयी दिल्ली, 30 मार्च (भाषा) उत्तर पश्चिमी दिल्ली के संजय गांधी ट्रांसपोर्ट नगर इलाके में एक सीवर में फंसे चार लोगों की मौत हो गई है। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।
अधिकारियों के मुताबिक रात भर चले बचाव अभियान के बाद बुधवार सुबह उनके शवों को बाहर निकाला गया।
पुलिस ने बताया कि मंगलवार अपराह्न सबसे पहले सीवर में गिरे तीन लोग निजी अनुबंधित कर्मचारी हैं, जो घटना के वक्त एमटीएनएल की लाइन पर काम कर रहे थे।
इन्हें बचाने की कोशिश के दौरान एक रिक्शा चालक भी सीवर के अंदर फंस गया।
हालांकि, एमटीएनएल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘वे एमटीएनएल के लिए काम नहीं कर रहे थे। संबंधित अधिकारियों द्वारा उपलब्ध कराए गए विवरण के अनुसार एमटीएनएल द्वारा कोई अनुबंध या कार्य आदेश जारी नहीं किया गया था।’
समयपुर बादली थाने को मंगलवार शाम करीब साढ़े छह बजे घटना की सूचना मिलने के बाद चारों लोगों को बचाने का अभियान शुरू किया गया था।
पुलिसकर्मियों के अलावा, अग्निशमन विभाग के अधिकारी और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की एक टीम भी बचाव अभियान में शामिल थी।
दमकल विभाग के मुताबिक, बुधवार तड़के करीब चार बजे चार शवों को सीवर से बाहर निकालने के साथ अभियान खत्म हुआ। शवों का पोस्टमॉर्टम बाबू जगजीवन राम मेमोरियल अस्पताल में किया गया।
मृतक कर्मचारियों की पहचान बच्चू सिंह, पिंटू और सूरज कुमार साहनी के रूप में की गयी है, जबकि रिक्शा चालक की पहचान रोहिणी के सेक्टर-16 स्थित सदर कॉलोनी निवासी सतीश लडवाल (38) के तौर पर की गयी है।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि समयपुर बादली थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 304ए (लापरवाही से मौत) के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है और मामले की जांच की जा रही है।
उन्होंने बताया कि सीवर में लोहे का जाल है और यह एमटीएनएल की लाइन के नीचे है। ऐसा संदेह है कि चारों लोग वहीं फंस गये थे। सीवर में जहरीली गैस होने के कारण सुरक्षा उपकरणों के साथ भी अंदर जाना मुश्किल था। शवों को निकालने के लिए सीवर को चौड़ा करने के वास्ते मशीनों का इस्तेमाल किया गया।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने इस हादसे का स्वत: संज्ञान लेते हुए दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस आयुक्त को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
आयोग ने नोटिस जारी करते हुए चिंता व्यक्त की कि ऐसे कर्मचारियों को सुरक्षा उपकरण प्रदान करने के लिए कानून होने, उच्चतम न्यायालय के फैसलों और हस्तक्षेप के बावजूद गरीब व्यक्ति सीवर लाइन में काम करते समय मर रहे हैं, जो पूरी तरह से अनुचित है।
भाषा रवि कांत सुभाष
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