scorecardresearch
Sunday, 29 September, 2024
होमदेशयदि पीएलपीए के तहत अधिसूचित क्षेत्र को वन माना जाएगा तो लाखों लोग प्रभावित होंगे :हरियाणा सरकार

यदि पीएलपीए के तहत अधिसूचित क्षेत्र को वन माना जाएगा तो लाखों लोग प्रभावित होंगे :हरियाणा सरकार

Text Size:

नयी दिल्ली,30 मार्च (भाषा) हरियाणा सरकार ने बुधवार को उच्चतम न्यायालय से कहा कि यदि पंजाब भूमि संरक्षण अधिनियम (पीएलपीए) के प्रावधानों के तहत अधिसूचित क्षेत्रों को ‘वन’ माना जाएगा, तो इसके तहत आने वाला राज्य का करीब 40 प्रतिशत क्षेत्र और लाखों नागरिक प्रभावित होंगे।

राज्य सरकार ने न्यायमूर्ति ए. एम. खानविलकर की अध्यक्षता वाली पीठ से कहा कि अधिनियम की धारा 4 और 5 के तहत अधिसूचित किसी भी क्षेत्र को भूमि राजस्व रिकार्ड में ‘वन’ के रूप में दर्ज नहीं किया गया है।

शीर्ष न्यायालय ने हरियाणा में वन एवं गैर-वन भूमि के मुद्दों से जुड़े एक विषय की सुनवाई करते हुए यह कहा।

अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल के. एम. नटराज ने हरियाणा की ओर से पेश होते हुए पीठ से कहा कि यह विषय पीएलपीए के प्रावधानों की व्याख्या और राज्य के लाखों नागरिकों पर पड़ने वाले इसके प्रभाव से संबद्ध है।

हलफनामे में कहा गया है, ‘‘हरियाणा राज्य के भोगौलिक क्षेत्र के 39.35 प्रतिशत हिस्से को अधिनियम के तहत अधिसूचित किया गया है, इसे वन माने जाने की जरूरत है और पहली बार अधिसूचना जारी होने के बाद निर्मित हर ढांचे को अवैध माना जाना चाहिए और उन्हें ध्वस्त किया जाना चाहिए।’’

इसमें कहा गया है कि पीएलपीए के प्रावधानों के तहत अधिसूचित भूमि में सरकारी और निजी जमीन, दोनों तथा इन पर बने स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, रक्षा प्रतिष्ठान और अन्य ढांचे शामिल हैं।

सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा कि शीर्ष न्यायालय ने हमेशा ही सरकारी रिकार्ड का संदर्भ दिया है और इसमें इंगित वन का अवश्य संरक्षण किया जाना चाहिए।

विषय की सुनवाई बृहस्पतिवार को भी जारी रहेगी।

भाषा सुभाष अनूप

अनूप

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments