… सुष्मिता गोस्वामी…
गुवाहाटी, 29 मार्च (भाषा) मोनालिसा बरुआ मेहता से लेकर हिमा दास और लवलीना बोरगोहेन तक व्यक्तिगत खिलाड़ियों ने दशकों से असम में अपनी काबिलियत का लोहा मनवाया है, लेकिन जब देश के दो सबसे लोकप्रिय टीम खेलों क्रिकेट और फुटबॉल की बात आती है तो यहां की लड़कियां उस तरह की ऊंचाई हासिल नहीं कर पायी हैं। असम की महिला खिलाड़ी अब क्रिकेट और फुटबॉल में अपने हुनर का लोहा मनवाने की तैयारी कर रही हैं। असम क्रिकेट संघ (एसीए) जमीनी स्तर पर महिला क्रिकेट को बढ़ावा देने और खिलाड़ियों का इस खेल से जुड़ाव सुनिश्चित करने पर काम कर रहा है। एसीए के सचिव देवजीत सैकिया ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘ सिर्फ प्रशिक्षण शिविर आयोजित करना पर्याप्त नहीं है। हमारे खिलाड़ियों को प्रतिस्पर्धी मैचों में खेलने का मौका मिलना चाहिये। पिछले दो वर्षों में कोविड -19 महामारी के कारण ऐसा नहीं हो सका एसीए उन्हें खेलने का अधिकतम मौका देने की कोशिश कर रहा है।’’ उन्होंने कहा कि इसी कड़ी में एमसीए ने इस साल से पहला अंतर-जिला महिला टूर्नामेंट शुरू किया है और इसका नाम स्वतंत्रता सेनानी कनकलता बरुआ के नाम पर रखा है।टूर्नामेंट पिछले साल अंतर-क्षेत्रीय श्रेणी में खेला गया था, लेकिन 2022 में इसे अंतर-जिला स्तर पर अपग्रेड किया गया था। एसीए सचिव ने कहा, ‘‘अंतर-जिला टूर्नामेंट ने युवा लड़कियों को अधिक व्यवस्थित और पेशेवर तरीके से खेल खेलने के लिए प्रोत्साहित किया।’’ फुटबॉल में गुवाहाटी सिटी फुटबॉल क्लब(जीसीएफसी ) टीम असम से महिलाओं के शीर्ष स्तर पर फुटबॉल में खेलने वाला पहला क्लब बनने के लिए तैयार है। उनकी सीनियर महिला टीम एक अप्रैल से नयी दिल्ली के डॉ अंबेडकर स्टेडियम में होने वाले इंडियन विमेंस लीग (आईडब्ल्यूएल) के क्वालीफाइंग दौर में अभियान की शुरुआत करेगी। टीम को आईडब्ल्यूएल के मुख्य दौर में जगह बनाने के लिए यूथ वेलफेयर क्लब (मणिपुर), एआरए एफसी (गुजरात) और गोलाजो एफसी (हिमाचल प्रदेश) की चुनौती से पार पाना होगा। जीसीएफसी के निदेशक सिद्धार्थ शंकर डेका ने कहा कि असम में राज्य महिला लीग का आयोजन नहीं किया जाता है और अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) के नियमों के अनुसार असम फुटबॉल संघ (एएफए) ने जीसीएफसी को क्वालीफायर के लिए नामित किया था, क्लब को नामांकित करने के लिए एएफए को धन्यवाद देते हुए जीसीएफसी के निदेशक कौस्तब चक्रवर्ती ने अगले सत्र से राज्य में महिला और पुरुष लीग आयोजित करने का आग्रह किया।चक्रवर्ती ने कहा, ‘‘अगले सत्र से, राज्यों से तब तक कोई नामांकन नहीं होगा जब तक कि राज्य लीग का आयोजन नहीं किया जाता है।’’ भाषा आनन्द आनन्द आनन्द
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