नई दिल्ली: असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा और मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने मंगलवार को गृहमंत्री अमित शाह की मौजूदगी में दिल्ली में अंतर्राज्यीय सीमा मुद्दों के समाधान के लिए ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर किए. लिहाजा दो राज्यों का 50 साल पुराना सीमा विवाद हल होता नजर आ रहा है. इस दौरान दोनों राज्यों मुख्य सचिव, अन्य अधिकारी व एमएचए के लोग मौजूद थे.
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा, ‘मुझे खुशी है कि आज विवाद की 12 जगहों में से 6 पर असम और मेघालय के बीच समझौता हुआ है. सीमा की लंबाई की दृष्टि से देखें तो लगभग 70% सीमा आज विवाद मुक्त हो गई है. मुझे भरोसा है कि बाकी की 6 जगहों को भी हम निकट भविष्य में सुलझा देंगे.’
शाह ने कहा, ‘आज का दिन एक विवाद मुक्त पूर्वोत्तर के लिए ऐतिहासिक दिन है, देश में जब से मोदी जी प्रधानमंत्री बने तब से पूर्वोत्तर की शांति प्रक्रिया, विकास, समृद्धि और यहां की सांस्कृतिक धरोहर के संवर्धन के लिए अनेक वृहद प्रयास किए’
गृह मंत्रालय द्वारा जांच और विचार के लिए 31 जनवरी को दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों द्वारा शाह को एक मसौदा प्रस्ताव प्रस्तुत करने के 2 महीने बाद असम और मेघालय के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए थे.
असम और मेघालय की सरकारें 884 किलोमीटर की सीमा के साथ 12 ‘अंतर के क्षेत्रों’ में से छह में अपने सीमा विवादों को हल करने के लिए एक मसौदा प्रस्ताव लेकर आई थीं.
36.79 वर्ग किमी भूमि के लिए प्रस्तावित सिफारिशों के अनुसार, असम 18.51 वर्ग किमी और शेष 18.28 वर्ग किमी मेघालय को देगा.
असम और मेघालय के बीच समझौता महत्वपूर्ण है क्योंकि दोनों राज्यों के बीच सीमा विवाद बहुत लंबे समय से लंबित है.
लंबे समय से चले आ रहे भूमि विवाद की शुरुआत 1972 में हुई थी जब मेघालय को असम से अलग कर दिया गया था.