हस्तमैथुन का एक बेहूदा चित्रण कुछ अच्छा करने की तुलना में क्षति अधिक पहुंचाता है। यह युवा महिलाओं को बताता है कि अपने शरीरों को खोजना और समझना घृणित और बेतुका है।
अगर हस्तमैथुन की बात करें तो पिछला सप्ताह भारत के लिए भयानक रहा है। सबसे पहले तो हमें पता चला कि ट्विटर पर एक बड़ी संख्या में भारतीयों को इस शब्द की वर्तनी नहीं पता। दूसरा, हमें महसूस हुआ कि महिला मित्रता के विषय पर एक प्रगतिशील बॉलीवुड फिल्म में भी हस्तमैथुन को शर्मिंदा होने और अपने प्रेमी से छिपाने की गतिविधि के रूप में देखा जाता है।
शुक्रवार से, वीरे दी वेडिंग, सेक्स एंड द सिटी का भारतीय संस्करण, अपनी उग्रता के साथ शारीरिक हलचल पैदा करने में कामयाब रहा है। करीना कपूर खान, सोनम कपूर आहूजा और स्वरा भास्कर जैसे बॉलीवुड के बड़े सितारों के साथ यह फिल्म महिलाओं को गांजा फूंकते हुए, करियर पर ध्यान देते हुए, शादी को न कहते हुए, वन नाईट स्टैंड का आनंद लेते हुए और यहाँ तक कि कामोत्तेजनाओं में कई बार चरमोत्कर्ष पर पहुँचने की चर्चा करते हुए दिखाती है। और यह सब महान है, इस बात पर विचार करते हुए कि हिंदी फिल्म उद्योग में ऐसी स्वतंत्र महिलाओं को देखना कितना दुर्लभ है। इसमें स्वरा भास्कर अपने किरदार में हस्तमैथुन करते हुए और इसका आनंद लेते हुए दिखाई देती हैं।
लेकिन बस यहीं से चीजें गलत होनी शुरू हो जाती हैं।
कई ट्विटर उपयोगकर्ताओं ने उस दृश्य को करने के लिए भास्कर की आलोचना की और विचित्र रूप से उन सभी ने अपने प्रोफाइल से एक ही सन्देश पोस्ट किया, जिसमें “masturbation” की वर्तनी गलत लिखी गयी थी।
For some weird reasons, people who cant spell “Masturbation” are going to watch #VeereDiWedding with their Grandmothers and want answers from @ReallySwara pic.twitter.com/CAB1ab5b4O
— Joy (@Joydas) June 2, 2018
शुक्र है, भास्कर अपने आलोचकों को एक नटखट प्रतिक्रिया के साथ मुंहतोड़ जवाब देने में कामयाब रहीं।
??????? Looks like a certain IT cell sponsored the tickets- or definitely the tweets !!!! ??♀️??♀️??♀️???? https://t.co/KIUqMoOLRG
— Swara Bhasker (@ReallySwara) June 2, 2018
लेकिन समस्या यह नहीं है कि वीरे दी वेडिंग में हस्तमैथुन का एक दृश्य है बल्कि समस्या इसके बाद के दृश्यों में है।
एक प्रेमरहित और सम्भोगरहित शादी में फंसी भास्कर अपने आप को संतुष्ट करने के लिए अपनी उँगलियों और एक सेक्स टॉय का इस्तेमाल करने का निर्णय लेती हैं। उनका पति ठीक उस समय अन्दर आता है जब वह चरमोत्कर्ष पर होती हैं। वह उनके “शर्मनाक” रहस्य को दुनिया को बता देने की धमकी देता है और उन्हें ब्लैकमेल करना शुरू कर देता है। नतीजतन, वह आत्मग्लानि और शर्म के दलदल में घिरकर शराब पीती हैं। आखिरकार जब वह अपने सबसे अच्छे दोस्तों को बताने के लिए साहस जुटा पाती हैं कि वह हस्तमैथुन करती हैं तो वह इस गतिविधि को अपने पति के साथ की गयी आधी-बेवफाई कहती हैं। उनकी सभी महिला उदारवादी दोस्त, जो अच्छी तरह से दुनिया घूम चुकी हैं, इस पर हंसती हैं, लेकिन कभी भी सबसे स्पष्ट सवाल नहीं उठाती हैं कि: हस्तमैथुन में गलत क्या है?
फिल्म न केवल यौन आत्म-संतुष्टि को एक अजीब और बिरली गतिविधि के रूप में दिखाती है बल्कि शिक्षित, शहरी पुरुष और महिलाओं को इसे तलाक का एक आधार मानते हुए भी दर्शाती है।
जहाँ एक तरफ यह बहुत अच्छा है कि बॉलीवुड की प्रमुखधारा की फिल्मों ने महिलाओं की यौन इच्छाओं के बारे में बात करना शुरू कर दिया है वहीं दूसरी तरफ यौन आनंद के सबसे सुरक्षित रूपों में से एक का ऐसा भद्दा चित्रण कुछ अच्छा करने की बजाय क्षति ज्यादा पहुंचाता है। यह युवा महिलाओं को बताता है कि अपने शरीरों को खोजना और समझना घृणित और बेतुका है। यह उन्हें बताता है कि सम्भोग का सिर्फ एक ही प्रकार है और इसमें एक पुरुष सहभागी शामिल होता है।
यदि हम एक आदर्श भारत में रहते तो हस्तमैथुन को यौन शिक्षा के एक भाग के रूप में स्कूलों में पढाया जाता। युवा महिलाएं अपने शरीर की सुनने के लिए प्रोत्साहित होतीं। उन्हें योनि और भग-शिश्न के बीच का अंतर समझाया जाता।
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अच्छी खबर यह है कि भारत में ऐसी योजनाएं हैं जो महिला हस्तमैथुन के आस-पास के कलंक को हटाने की कोशिश कर रही हैं। मिसाल के तौर पर, मुंबई स्थित मीडिया कंपनी ‘एजेंट ऑफ़ इश्क’, जो स्व-अन्वेषण के लिए महिलाओं को प्रोत्साहित करने हेतु निजी निबंधों और गाइड्स से लेकर सर्वेक्षण और मीम तक, सब कुछ प्रकाशित करती है। काश वीरे दी वेडिंग टीम ने वाइब्रेटर के लिए भी एक दृश्य निर्धारित किया होता।
Read in English : Veere Di Wedding: It’s been a terrible week for masturbation in India