मुंबई, 26 मार्च (भाषा) पूर्व भारतीय कप्तान विराट कोहली ने भले ही रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर (आरसीबी) की कप्तानी छोड़ दी हो लेकिन उनका कहना है कि वह इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के आगामी सत्र में टीम के अंदर अब भी नेतृत्वकर्ता हो सकते हैं और इसे सफलता की ओर बढ़ा सकते हैं।
फाफ डु प्लेसिस को कप्तानी की जिम्मेदारी सौंपने के बाद कोहली 2012 के बाद पहली बार आरसीबी के कप्तान के तौर पर नहीं बल्कि खिलाड़ी के तौर पर मैदान में उतरेंगे।
कोहली ने आरसीबी की वेबसाइट पर पोस्ट किये साक्षात्कार में कहा, ‘‘आप फिर टीम के अंदर एक नेतृत्वकर्ता हो सकते हो, टीम को सफलता की ओर आगे बढ़ा सकते हो और ट्राफियां और खिताब जीता सकते हो लेकिन मुझे टीम के लिये योगदान करने में काफी गर्व महसूस होगा। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह मेरे लिये काफी रोमांचक स्थान होगा क्योंकि आप एक व्यक्ति हैं जो एक टीम का हिस्सा हैं, भले ही आप कप्तान हो या नहीं, आप फिर भी एक व्यक्ति हो जो टीम का हिस्सा है। ’’
कोहली ने साथ ही कहा कि वह भाग्यशाली हैं कि वह आरसीबी को दक्षिण अफ्रीका के पूर्व कप्तान के नेतृत्व में बदलते हुए देखेंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘काफी लोग बदलाव का दौर टीम से बाहर होने के बाद देखते हैं। मैं भाग्यशाली हूं कि यह मेरी आंखों के आगे होगा जबकि मैं भी इसका हिस्सा हूं। ’’
तैंतीस साल के इस खिलाड़ी ने पिछले साल घोषणा की थी कि वह जब तक संन्यास लेंगे, तब तक आरसीबी के लिये खेलते रहेंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘आपको फिर भी अपनी टीम के लिये योगदान करने के तरीके देखने होते हैं और मैं निश्चित रूप से उस स्थान पर हूं जहां मैं टीम की जिस भी तरह मदद कर सकता हूं, करूंगा। ’’
कोहली ने करीब एक दशक बाद अपनी कप्तानी की जिम्मेदारी के बोझ से मुक्त होने का खुलासा किया और कहा कि यह उनके लिये दोबारा विचार करने का मौका है।
उन्होंने कहा, ‘‘किसी के लिये भी यह ऐसा समय निकालने के लिये समझदारी भरी चीज है कि जिसमें बस गहरी सांस लें और चीजों को फिर से व्यवस्थित करें और कहें ‘रूको, मैंने काफी चीजों को नहीं देखा था जिस पर मुझे काम करने की जरूरत है और यहां मेरे पास खुद को फिर से व्यवस्थित करने, दोबारा विचार करने का मौका है कि मैं क्या करना चाहता हूं। ’’
कोहली ने कहा, ‘‘और सुधार करने के लिये उन चीजों को ढूंढना और फिर उस चीज का अभ्यास करना जिसे आप करना चाहते थे। मुझे इस दौर में यही महसूस हुआ है। ’’
उन्होंने साथ ही कहा कि कप्तानी की जिम्मेदारी से मुक्त होने के बाद वह अभ्यास के लिये आने का लुत्फ उठा रहे है और अपने कौशल को निखारने पर ज्यादा ध्यान दे पा रहे हैं।
कोहली ने कहा, ‘‘ऐसा नहीं है कि आप इस पर ध्यान नहीं लगाते, लेकिन कहीं न कहीं आपके ऊपर जिम्मेदारियां होती हैं, जिससे ये चीजें पीछे हो जाती हैं और जब आप लगातार ऐसा करते हो तो आपका दिमाग सिर्फ एक ही दिशा में चलता है, फिर आप अभ्यास करने का आनंद खोने लगते हो। ’’
भाषा नमिता आनन्द
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