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Sunday, 6 October, 2024
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राजस्थान को पारसा ईस्ट-कांटा बासन कोल ब्लॉक के दूसरे चरण में उत्खनन की अनुमति

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जयपुर, 26 मार्च (भाषा) छत्तीसगढ़ सरकार ने राजस्थान राज्य विद्युत उत्पाद निगम को पारसा ईस्ट-कांटा बासन कोल ब्लॉक के दूसरे चरण के तहत 1136 हेक्टेयर क्षेत्र में कोयला उत्खनन के लिए वन भूमि व्यपवर्तन (डायवर्सन) की अनुमति दे दी है। इससे राज्य की थर्मल इकाइयों को कोयले की सुचारू आपूर्ति होने की उम्मीद है।

उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार इसे लेकर कई दिनों से प्रयासरत थी।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को रायपुर जाकर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात की थी और राजस्थान को कोयले की सुचारू आपूर्ति के लिए राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम को आवंटित कोल ब्लॉक में खनन की स्वीकृति शीघ्र जारी करने का अनुरोध किया था।

यहां एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि गहलोत व बघेल की बैठक के बाद छत्तीसगढ़ सरकार के वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग ने तत्काल प्रभाव से निर्णय लेते हुए पारसा ईस्ट-कांटा बासन कोल ब्लॉक के दूसरे चरण में कोयला उत्खनन के लिए वन भूमि व्यपवर्तन की अनुमति प्रदान कर दी है।

इस संबंध में छत्तीसगढ़ सरकार के वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के अवर सचिव ने राज्य के प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख को समुचित कार्यवाही के लिए पत्र लिखा है।

गौरतलब है कि भारत सरकार ने राजस्थान को वर्ष 2015 में छत्तीसगढ़ के पारसा ईस्ट-कांटा बासन (पीईकेबी) में 15 एमटीपीए तथा पारसा में 5 एमटीपीए क्षमता के कोल ब्लॉक आवंटित किए थे। पारसा ईस्ट-कांटा बासन कोल ब्लॉक के प्रथम चरण में खनन इस माह में पूरा हो चुका है। ऐसे में राजस्थान की विद्युत उत्पादन इकाइयों के लिए यहां से कोयले की आपूर्ति नहीं होने से राज्य में विद्युत संकट उत्पन्न होने की स्थिति बन गई थी।

मुख्यमंत्री गहलोत ने पर्यावरण संरक्षण और राजस्थान की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ सरकार से इस विषय पर जल्द समुचित सकारात्मक निर्णय लेने का आग्रह किया था।

भाषा पृथ्वी सुरेश

सुरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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