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Friday, 4 October, 2024
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आईआईटी मद्रास की शोधार्थी ने यौन शोषण का आरोप लगाया, एआईडब्ल्यूए की कड़ी कार्रवाई की मांग

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चेन्नई, 26 मार्च (भाषा) भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मद्रास में एक शोधार्थी ने अपने साथी पर करीब चार वर्ष तक बार-बार उसका यौन शोषण करने और कार्य स्थल पर उसका उत्पीड़न करने का आरोप लगाया। उसका आरोप है कि इन साथियों में उसके दो प्रोफेसर भी शामिल हैं। उसने 2016 में संस्थान में दाखिला लिया था।

घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए संस्थान ने कहा कि वह ‘‘जांच प्राधिकारियों के साथ सहयोग किया जा रहा है’’ और उसने शोधार्थी के शोध की अवधि खत्म होने के बाद भी बाहरी जांच के दौरान पीड़ित को ‘‘पूरा सहयोग’’ दिया है।

पीड़िता ने दावा किया कि संस्थान के पुरुषों के एक समूह ने और कुर्ग की यात्रा के दौरान भी उसका शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न किया। इसके अलावा शोधार्थी को उसके शोध पर काम करने के लिए प्रयोगशाला के उपकरण का इस्तेमाल करने से भी रोका गया।

पुलिस ने एक मामला भी दर्ज किया है और प्राथमिकी में आठ लोगों को नामजद किया है।

शुरुआत में शोधार्थी चुप रही लेकिन बाद में वह इस सदमे से बाहर आयी और यौन शोषण के खिलाफ आंतरिक शिकायत समिति (सीसीएएसएच) को शिकायत करने का साहस जुटाया, जिसने अपनी अंतरिम सिफारिश में मुख्य आरोपी समेत तीन साथी शोधार्थियों को तब तक परिसर में प्रवेश करने से रोक दिया, जब तक कि वह अपनी पीएचडी पूरी नहीं कर लेती।

समिति ने शोधार्थी के शोध पत्र जमा करने तक जांच स्थगित करते हुए कहा, ‘‘आगे गाइड्स को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि प्रतिवादी तब तक अपना शोध पत्र जमा न कराए जब तक कि शोधार्थी (पीड़ित) अपना शोध पत्र जमा नहीं करा देती।’’

ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक वुमेंस एसोसिएशन (एआईडीडब्ल्यूए), तमिलनाडु की अध्यक्ष एस. वेलेंटिना और महासचिव पी. सुगंति ने कहा कि पीड़िता अनुसूचित जाति समुदाय से है। उन्होंने पीड़िता को न्याय दिलाने और दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने की भी मांग की।

इस बीच, आईआईटी मद्रास ने एक बयान में कहा कि उसने यौन शोषण की शिकायत करने वाली छात्रा के मामले की जांच के लिए सभी प्रक्रियाओं का पालन किया। छात्रा के अनुसार, ये घटनाएं 2018 और 2019 में हुई और अगस्त 2020 में वह इसे संस्थान के संज्ञान में लेकर आयी।

उसने कहा, ‘‘संस्थान ने तुरंत मामले को जांच के लिए सीसीएएसएच के पास भेज दिया। हम जांच प्राधिकारियों के साथ सहयोग कर रहे हैं। संस्थान ने उसकी शोध की अवधि खत्म होने के बाद भी बाहरी जांच के दौरान उसे पूरा सहयोग दिया है।’’

बयान में कहा गया है कि छात्रा कैम्पस में रह रही है और संस्थान उसे अपनी डिग्री पूरा करने में आवश्यक पूरा सहयोग दे रहा है। बयान में कहा गया है, ‘‘हमें छात्रा से सहानुभूति है और इस दौरान उसका समर्थन करेंगे।’’

भाषा गोला माधव

माधव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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