ल्वीव, 26 मार्च (एप) रूसी घेराबंदी के शिकार यूक्रेन के चर्नीहीव शहर के अन्य निवासियों की तरह भाषावेत्ता इहार काजमेरचक भी रात बंकर में बिताते हैं और दिन में थोड़े से पानी के लिए कतार में खड़े होते हैं जो अब अधिकारियों के पास बचा है।
रूसी बलों की घेराबंदी और लगातार बमबारी का शिकार उत्तरी शहर चर्नीहीव को उदार मठों के लिए जाना जाता है जहां पर अब पानी गर्म करने या आपूर्ति करने के लिए बिजली नहीं है। अब शहर में जरूरी दवाएं भी नहीं है और इसकी किल्लत लगातार बढ़ती जा रही है।
काजमेरचक (38) ने बताया, ‘‘रात को बंकर में सभी एक ही बात करते हैं कि क्या चर्नीहीव भी अगला मारियोपोल बनने जा रहा है।’’ उन्होंने यह टिप्पणी इस शहर से करीब 845 किलोमीटर दक्षिण बंदरगाह शहर का संदर्भ देते हुए की जो यूक्रेन पर रूसी हमले के बाद से भयावह स्थिति का सामना कर रहा है।
काजमेचक का यह भय भी गलत नहीं है। रूसी बमों ने बुधवार को राजधानी कीव से जोड़ने वाले रास्ते में डेसना नदी पर बने पुल को ध्वस्त कर दिया। शुक्रवार को इस पर तोपों से किए गए हमले में यह पैदल चलने लायक भी नहीं रह गया है, जिससे खाद्य और चिकित्सा आपूर्ति का आखिरी रास्ता भी बंद हो गया है।
गत एक महीने से चल रही लड़ाई के बाद रूसी हमलों की गति कम हो गई क्योंकि सेना अब चर्नीहीव जैसे शहरों पर कब्जा करने की कोशिश कर रही है।
रूसी सेना की रणनीति शुक्रवार को सामने आई जब शीर्ष सैन्य अधिकारी ने बताया कि पहले चरण के अभियान का मकसद यूक्रेन की लड़ने की क्षमता को कम करना था, जो लगभग पूरा हो गया है।
रूसी सेना के उपाध्यक्ष कर्नल जनरल सर्गेई रुदस्कोई ने कहा कि रूसी बल अब अपने ‘मुख्य लक्ष्य डोनबास को मुक्त कराने पर ध्यान केंद्रित कर सकता है।
डोनबास यूक्रेन के पूर्वी इलाके को कहा जाता है जहां पर अधिकतर आबादी रूसी भाषी है और यहां पर रूस समर्थित अलगाववादी वर्ष 2014 से ही लड़ रहे हैं। इस इलाके की अधिकतर आबादी रूस से करीबी रिश्ते चाहती है।
अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि लगता है कि रूसी सेना ने राजधानी कीव पर कब्जा करने के जमीनी अभियान को रोक दिया है और वह अपना ध्यान यूक्रेन के दक्षिण पूर्व स्थित डोनबास इलाके पर नियंत्रण स्थापित करने पर दे रही है।
एपी धीरज माधव
माधव
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