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Sunday, 6 October, 2024
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एमसीडी विधेयक: विशेषज्ञों ने कहा- दिल्ली में नगर निगम चुनाव 5-6 महीने से पहले होने की संभावना नहीं

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नयी दिल्ली, 25 मार्च (भाषा) दिल्ली नगर निगम के वार्डों की संख्या में प्रस्तावित संशोधन को लेकर शुक्रवार को विशेषज्ञों ने कहा कि निगम चुनाव पांच-छह महीने से पहले होने की संभावना नहीं है क्योंकि तीन निगमों के विलय के बाद परिसीमन कवायद की आश्यकता होगी।

फिलहाल दिल्ली के तीनों नगर निगमों उत्तरी दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी), दक्षिण दिल्ली नगर निगम (एसडीएमसी) और पूर्वी दिल्ली नगर निगम (ईडीएमसी) में कुल 272 वार्ड हैं। इनमें से उत्तर और दक्षिण नगर निगम में 104-104 जबकि पूर्वी दिल्ली नगर निगम में 64 वार्ड हैं।

दिल्ली के तीनों नगर निगमों के विलय से संबंधित विधेयक को शुक्रवार को लोकसभा में पेश किया गया। इस बीच विपक्षी सदस्यों ने दावा किया कि यह कदम संसद के विधायी दायरे में नहीं आता।

विधेयक के अनुसार विलय के बाद दिल्ली नगर निगम में वार्डों की संख्या 250 से ज्यादा नहीं हो सकती। साथ ही जब तक एकीकरण कानून के तहत निकाय की पहली बैठक नहीं हो जाती तब तक एक विशेष अधिकारी को इसके कामकाज पर नजर रखने के लिये नियुक्त किया जा सकता है।

संविधान विशेषज्ञ तथा दिल्ली विधानसभा के पूर्व सचिव एस. के. शर्मा ने कहा कि वार्डों की संख्या मौजूद 272 से कम की जाती है तो परिसीमन कवायद की जरूरत होगी, जिसमें काफी समय लगेगा।

उन्होंने कहा, ”परिसीमन के लिए प्रशासनिक प्रक्रिया में कई महीने लगेंगे, और फिर सार्वजनिक सुझाव व आपत्तियां आमंत्रित की जाएंगी। इसलिए, अगले पांच से छह महीनों में निकाय चुनाव होने की संभावना नहीं है। इसमें और भी देरी हो सकती है।”

दिल्ली के पूर्व मुख्य सचिव राकेश मेहता ने भी कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में वार्डों की संख्या में संशोधन के प्रस्ताव के बाद आने वाले कुछ महीनों में निकाय चुनाव होने की संभावना नहीं है।

उन्होंने कहा, ”तीन निगमों को एक इकाई में एकीकृत करने के केंद्र के कदम का मतलब है कि वह तीन स्थानीय निकायों की मौजूदा स्थिति से संतुष्ट नहीं है। और, वार्डों की संख्या कम किये जाने पर परिसीमन कवायद की आवश्यकता होगी, जिसमें कई महीने या एक साल से भी ज्यादा समय लग सकता है।”

यह पूछे जाने पर कि परिसीमन कवायद कितनी जल्दी की जा सकती है, इसपर दिल्ली के पूर्व निर्वाचन आयुक्त रह चुके मेहता ने कहा, ”यह निर्भर करता है कि कवायद कौन कर रहा है, और उन्हें कितना समय लगेगा। कोई इसे कम समय में भी कर सकता है।”

भाषा

जोहेब उमा

उमा

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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