नई दिल्ली: भाजपा नेता पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के तौर पर बुधवार को दूसरी बार शपथ ली जिसके बाद उम्मीद लगाई जा रही है कि अब राज्य में स्थिर सरकार चल पाएगी. राज्य के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई.
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह ने सतपाल महाराज, प्रेमचंद अग्रवाल, गणेश जोशी, धन सिंह रावत को मंत्री पद की शपथ दिलाई.
देहरादून के परेड ग्राउंड में पुष्कर सिंह धामी के शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हिस्सा लिया. इस दौरान उन्होंने पहाड़ी टोपी भी पहनी हुई थी.
शपथ ग्रहण समारोह में हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा और गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत भी मौजूद थे.
वहीं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद थे.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर धामी को बधाई देते हुए कहा, ‘मैं मुख्यमंत्री धामी और उनकी पूरी टीम को एक सफल और यशस्वी कार्यकाल की शुभकामनाएं देता हूं.’
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के रूप में पुनः शपथ लेने के लिए श्री @pushkardhami को हार्दिक बधाई। मुझे पूरा विश्वास है कि प्रधानमंत्री श्री @narendramodi के कुशल मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री धामी के ऊर्जावान नेतृत्व में ‘टीम उत्तराखंड’ प्रदेश को विकास और सुशासन की नई ऊँचाई पर लेकर जाएगी।
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) March 23, 2022
उत्तराखंड का नया मुख्यमंत्री चुनने के लिए भाजपा के शीर्ष नेताओं की दिल्ली में कई दौर की बातचीत चली जिसके बाद फैसला लिया गया था कि पुष्कर सिंह धामी को ही राज्य का फिर से मुख्यमंत्री बनाया जाए. हालांकि पुष्कर सिंह धामी राज्य की खटीमा विधानसभा सीट भी नहीं बचा पाए थे, फिर भी पार्टी ने उन्हें दोबारा ये जिम्मेदारी दी है.
बता दें कि राज्य में भाजपा के भीतर जारी घमासान के बाद पुष्कर सिंह धामी को मुख्यमंत्री बनाया गया था. उनसे पहले तीरथ सिंह रावत राज्य की कमान संभाल रहे थे जिन्होंने ‘संवैधानिक संकट’ के मद्देनजर इस्तीफा दिया था. उनसे पहले त्रिवेंद्र सिंह रावत राज्य के सीएम थे.
हाल ही में राज्य में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजों में भारतीय जनता पार्टी को स्पष्ट बहुमत मिला है. राज्य की 70 विधानसभा सीटों में से भाजपा ने 47 सीटें जीती वहीं कांग्रेस को 19 सीट पर जीत हासिल हुई है.
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