scorecardresearch
Friday, 22 November, 2024
होमराजनीतिकैबिनेट ने दी दिल्ली में तीन नगर निगमों को मिलाकर एक करने की मंजूरी, इस हफ्ते संसद में पेश हो सकता है बिल

कैबिनेट ने दी दिल्ली में तीन नगर निगमों को मिलाकर एक करने की मंजूरी, इस हफ्ते संसद में पेश हो सकता है बिल

दिल्ली नगर निगम को साल 2012 में तत्कालीन शीला दीक्षित सरकार द्वारा तीन भागों में बांट दिया गया था. राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक ऐसा दिल्ली नगर निगम में बीजेपी की पैठ को कमजोर करने के लिए किया गया था

Text Size:

नई दिल्लीः केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दिल्ली नगर निगम संशोधन विधेयक 2022 को मंजूरी दे दी है. संशोधन विधेयक के तहत दिल्ली के तीन नगर निगमों को मिलाकर एक कर किए जाने का प्रस्ताव है. केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा मंजूरी दिए जाने के बाद इसे संसद में इसी हफ्ते प्रस्तुत किए जाने की उम्मीद है. बिल को संसद की स्वीकृति मिल जाती है तो पूर्वी, उत्तरी और दक्षिण दिल्ली नगर निगम को मिलाकर एक कर दिया जाएगा. नगर निगम के चुनाव अप्रैल में होने वाले हैं.

सूत्रों ने बताया कि दिल्ली नगर निगम संशोधन विधेयक संसद के चालू बजट सत्र में पेश किया जा सकता है. उन्होंने बताया कि एकीकृत नगर निगम पूरी तरह से सम्पन्न निकाय होगा और इसमें वित्तीय संसाधनों का बराबर-बराबर विभाजन होगा जिससे तीन नगर निगमों के कामकाज को लेकर व्यय एवं खर्च की देनदारियां कम होंगी तथा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में नगर निकाय की सेवाएं बेहतर होंगी.

इसके तहत 1957 के मूल अधिनियम में भी कुछ और संशोधनों को मंजूरी दी गई है ताकि वृहद पारदर्शिता, बेहतर प्रशासन और दिल्ली के लोगों के लिये प्रभावी सेवाओं को लेकर ठोस आपूर्ति ढांचा सुनिश्चित किया जा सके.

पीटीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक राज्य चुनाव आयोग के द्वारा नगर निगम चुनाव की तारीखों की घोषणा के पहले ही केंद्र ने राज्य चुनाव आयुक्त को इस बात से अवगत कराया कि वह तीनों नगर निगम को मिलाकर एक करने पर विचार कर रही है इसलिए ऐसा होने के बाद ही चुनाव के तारीखों की घोषणा की जाए.

दिल्ली नगर निगम को तीन भागों में बांटे जाने से पहले कुल 22 विभाग थे जिनकी निगरानी एक प्रशासनिक अधिकारी के द्वारा की जाती थी. इसके अलावा एक इंजीनियर-इन-चीफ होता था और ये सभी कमिश्नर को रिपोर्ट करते थे, लेकिन तीन भागों में बांटे जाने के बाद हर पद तीन गुना हो गया था.

दिल्ली नगर निगम को साल 2012 में तत्कालीन शीला दीक्षित सरकार द्वारा तीन भागों में बांट दिया गया था. राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक ऐसा दिल्ली नगर निगम में बीजेपी की पैठ को कमजोर करने के लिए किया गया था साथ इसके जरिए यह कोशिश भी की गई थी कि दिल्ली के एक ही मेयर की शक्ति को कम की जा सके.

बता दें कि बीजेपी पहले भी तीनों नगर निगमों को मिलाकर एक करने की मांग करती रही है. इससे पहले साल 2014 और 2017 में तत्कालीन केंद्रीय मंत्री विजय गोयल ने भी तीनों नगर निगमों को मिलाकर एक किए जाने की हिमायत की थी. दिल्ली में कुल 272 वार्ड्स हैं.


यह भी पढ़ेंः दिल्ली नगर निगम चुनाव के लिए तारीखों की घोषणा अगले कुछ दिनों में की जाएगी : निर्वाचन अधिकारी


 

share & View comments