नयी दिल्ली, 22 मार्च (भाषा) पेट्रोल और डीजल की कीमतों में मंगलवार को 80 पैसे प्रति लीटर, जबकि घरेलू रसोई गैस के दाम में 50 रुपये प्रति सिलेंडर की बढ़ोतरी की गई। सूत्रों ने यह जानकारी दी।
इस तरह, चुनावी गतिविधियों के कारण पेट्रोल, डीजल की दरों में संशोधन पर साढ़े चार महीने से जारी रोक खत्म हो गई।
दिल्ली में पेट्रोल की कीमत अब 96.21 रुपये प्रति लीटर होगी, जो पहले 95.41 रुपये थी, जबकि डीजल की कीमत 86.67 रुपये प्रति लीटर से बढ़कर 87.47 रुपये हो गई है। इसके साथ ही राष्ट्रीय राजधानी में बिना सब्सिडी वाले, 14.2 किलोग्राम के रसोई गैस सिलेंडर की कीमत बढ़ाकर 949.50 रुपये कर दी गई है।
एलपीजी की दर में अंतिम बार छह अक्टूबर 2021 को संशोधन किया गया था। वहीं, पेट्रोल और डीजल की कीमतें चार नवंबर से स्थिर थीं। एलपीजी की कीमत जुलाई और अक्टूबर 2021 के बीच प्रति सिलेंडर 100 रुपये के करीब बढ़ गई थीं।
हालांकि, कच्चे माल की बढ़ती लागत के बावजूद एलपीजी और ऑटो ईंधन, दोनों की कीमतें तब से स्थिर थीं।
महामारी से प्रेरित मंदी और फिर रूस-यूक्रेन संघर्ष के कारण कच्चे माल की बढ़ती लागत के बावजूद एलपीजी और ऑटो ईंधन दोनों की कीमतें तब से स्थिर थीं।
गैर-सब्सिडी वाली रसोई गैस वह है जिसे उपभोक्ता सब्सिडी वाले या बाजार से कम दरों पर 12 सिलेंडरों का अपना कोटा खत्म हो जाने के बाद खरीदते हैं।
हालांकि, सरकार ज्यादातर शहरों में एलपीजी पर कोई सब्सिडी नहीं देती है और बहुचर्चित ‘उज्ज्वला योजना’ के तहत मुफ्त कनेक्शन पाने वाली गरीब महिलाओं को समेत सामान्य उपभोक्ताओं को मिलने वाले रिफिल सिलेंडर की कीमत बिना सब्सिडी वाले या बाजार मूल्य एलपीजी के समान है।
सूत्रों ने कहा कि पांच किलोग्राम के एलपीजी सिलेंडर की कीमत अब 349 रुपये होगी जबकि 10 किलोग्राम के मिश्रित सिलेंडर की कीमत 669 रुपये होगी। 19 किलो के वाणिज्यिक सिलेंडर की कीमत अब 2003.50 रुपये है।
जून 2017 से पेट्रोल और कीमतों को पिछली 15 दिन की अंतरराष्ट्रीय दर के अनुरूप दैनिक रूप से समायोजित किया जा रहा है। लेकिन नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में पांच रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 10 रुपये प्रति लीटर की कटौती की जिसके बाद से चार नवंबर, 2021 से दरें नहीं बढ़ी हैं। इसके बाद अधिकांश राज्य सरकारों ने भी स्थानीय बिक्री कर या वैट कम किया।
इन कर कटौती से पहले पेट्रोल की कीमत 110.04 रुपये प्रति लीटर के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई थी और डीजल 98.42 रुपये प्रति लीटर हो गया था।
यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद से अंतरराष्ट्रीय तेल की कीमतें बढ़ी हुई हैं। हालांकि, पश्चिमी देशों ने अब तक ऊर्जा व्यापार को प्रतिबंधों से बाहर रखा है, लेकिन रूसी तेल और उत्पादों पर पूर्ण प्रतिबंध की आशंका से अंतरराष्ट्रीय तेल की कीमतों में फिर से इजाफा हो सकता है।
भाषा सुरभि मनीषा
मनीषा
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