तिरुवनंतपुरम, 21 मार्च (भाषा) माकपा के ‘पार्टी कांग्रेस’ (सम्मेलन) के तहत हो रही एक संगोष्ठी में शामिल होने का आमंत्रण स्वीकार करने को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर और केवी थॉमस दुविधा में हैं, क्योंकि प्रदेश कांग्रेस प्रमुख के सुधाकरण ने उन्हें सत्तारूढ़ दल के कार्यक्रम में शिरकत करने से मना किया है।
वाम दल ने तिरुवनंतपुरम के सांसद थरूर और पूर्व केंद्रीय मंत्री थॉमस को कन्नूर में छह-10 अप्रैल तक होने वाले उसके 23वीं ‘पार्टी कांग्रेस’ से पहले विभिन्न संगोष्ठियों में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया है।
राजनीतिक दल कांग्रेस की केरल ईकाई के प्रमुख के सुधाकरण ने कहा है कि पार्टी ने अपने नेताओं को कार्यक्रम में हिस्सा लेने से मना कर दिया है क्योंकि वह प्रस्तावित के-रेल परियोजना को लेकर राज्य की माकपा नीत सरकार के खिलाफ मज़बूती से लड़ रही है।
बहरहाल, थरूर ने पत्रकारों से कहा कि जिस संगोष्ठी के लिए उन्हें आमंत्रित किया गया है उसका विषय केरल या के-रेल से संबंधित नहीं है।
सुधाकरण ने कहा, “माकपा द्वारा आयोजित कार्यक्रम में कांग्रेस के नेताओं का भाग लेना जनता पसंद नहीं करती है। कांग्रेस पार्टी के सदस्य ऐसे नेताओं से घृणा करते हैं, जो (मुख्यमंत्री) पिनराई विजयन से जुड़े हैं, जो के-रेल परियोजना पर आगे बढ़ रहे हैं।”
प्रदेश कांग्रेस प्रमुख ने कहा, “ अगर वह (थरूर माकपा के कार्यक्रम में) भाग लेना चाहते हैं, तो वह ऐसा कर सकते हैं। यह उनकी इच्छा है। वह सोनिया गांधी की अनुमति ले सकते हैं और उसके अनुसार कार्यक्रम में हिस्सा ले सकते हैं।”
थरूर और थॉमस दोनों कथित तौर पर कांग्रेस आलाकमान से संपर्क करने की योजना बना रहे हैं, ताकि पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी से कार्यक्रम में शामिल होने की अनुमति मांग सकें।
थरूर ने कहा, “उन्होंने मुझे आमंत्रित किया था और मैंने इसे स्वीकार कर लिया। इस बार उन्होंने मुझे अपनी ‘पार्टी कांग्रेस’ के हिस्से के रूप में आयोजित की जा रही एक संगोष्ठी में हिस्सा लेने के लिए आमंत्रित किया है। राजनीतिक संवाद में शामिल होने में कुछ भी गलत नहीं है और संगोष्ठी का विषय के-रेल या केरल से संबंधित नहीं है।”
इस बीच माकपा के राज्य सचिव के बालकृष्णन ने कहा है कि वाम दल ने विभिन्न संगोष्ठियों के लिए कांग्रेस नेताओं को आमंत्रित किया है, लेकिन उनकी पार्टी के नेतृत्व ने उन्हें इनमें शिरकत करने से मना कर दिया है।
बालकृष्णन ने ‘सिल्वर लाइन परियोजना को लेकर हो रहे विरोध के संदर्भ में कहा, “लेकिन उन्हें राज्य सरकार के विरोध में भाजपा से हाथ मिलाने में कोई दिक्कत नहीं है।
कांग्रेस के नेतृत्व वाला संयुक्त प्रजातांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) वाम सरकार की प्रस्तावित महत्वाकांक्षी ‘अर्ध-हाईस्पीड सिल्वरलाइन’ रेल परियोजना, जिसे के-रेल के नाम से भी जाना जाता है, को लेकर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन कर रहा है।
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नोमान उमा
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