नयी दिल्ली, 21 मार्च (भाषा) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को अपने ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष स्कॉट मॉरिसन को पूर्वी लद्दाख की स्थिति से अवगत कराया और इस बात पर जोर दिया कि चीन के साथ भारत के संबंधों को सामान्य बनाने के लिए क्षेत्र में शांति बहाली एक अनिवार्य शर्त है।
पिछले तीन दिनों में यह दूसरी बार रहा, जब भारत ने कहा है कि चीन के साथ संबंध पूर्वी लद्दाख में लंबित मुद्दों के समाधान पर निर्भर करता है।
मोदी और मॉरिसन ने सोमवार को एक डिजिटल शिखर सम्मेलन में द्विपक्षीय सहयोग, क्षेत्रीय सुरक्षा, हिंद-प्रशांत के घटनाक्रम और यूक्रेन के मौजूदा संकट से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की।
शनिवार को 14वें भारत-जापान शिखर सम्मेलन में भारत ने टोक्यो को भी बताया था कि पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में शांति बहाल होने तक बीजिंग के साथ उसके संबंध सामान्य रूप नहीं ले सकते।
विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने सोमवार को प्रेसवार्ता के दौरान कहा कि मोदी और मॉरिसन दोनों ने चीन पर अपने दृष्टिकोण का आदान-प्रदान किया।
उन्होंने कहा, ”प्रधानमंत्री ने लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास पिछले साल की घटनाओं का जिक्र किया और उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि चीन के साथ संबंधों को सामान्य बनाने के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बहाली एक आवश्यक शर्त है।”
श्रृंगला ने कहा कि प्रधानमंत्री मॉरिसन इस क्षेत्र में चीन और उसके कार्यों को किस तरह देखते हैं, उस दृष्टिकोण को साझा किया।
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