मुंबई, 21 मार्च (भाषा) घरेलू शेयर बाजार सोमवार को शुरुआती बढ़त को बरकरार नहीं रख सके और मानक सूचकांक-बीएसई सेंसेक्स 571 अंक की गिरावट के साथ बंद हुआ। बैंक, पेट्रोलियम और दैनिक उपयोग का सामान बनाने वाली तथा आईटी कंपनियों के शेयरों में गिरावट रही। रूस-यूक्रेन संकट के बीच कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों ने बाजार को प्रभावित किया।
तीस शेयरों पर आधारित सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 260 अंक से अधिक चढ़कर 58,127.95 तक चला गया था। हालांकि बाद में बैंक, पेट्रोलियम और दैनिक उपयोग का सामान बनाने वाली कंपनियों के शेयरों में गिरावट से यह 634 अंक लुढ़ककर 57,229.08 के निचले स्तर तक आ गया।
अंत में सेंसेक्स 571.44 अंक यानी 0.99 प्रतिशत टूटकर 57,292.49 पर बंद हुआ। सूचकांक इससे पहले, दो कारोबारी सत्रों में 2,000 अंक से अधिक चढ़ा था।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 169.45 अंक यानी 0.98 प्रतिशत टूटकर 17,117.60 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह ऊंचे में 17,353.35 और नीचे में 17,096.40 अंक तक गया था। पिछले दो कारोबारी सत्रों में इसमें 620 अंकों से अधिक की तेजी आयी थी।
सेंसेक्स के शेयरों में 2.93 प्रतिशत की गिरावट के साथ सर्वाधिक नुकसान में पावर ग्रिड का शेयर रहा। इसके अलावा एशियन पेंट्स (2.85 प्रतिशत), अल्ट्राटेक सीमेंट (2.81 प्रतिशत), नेस्ले (2.49 प्रतिशत), कोटक बैंक (2.42 प्रतिशत) हिंदुस्तान यूनिलीवर लि. (2.41 प्रतिशत) और एचसीएल टेक्नोलॉजीज (2.32 प्रतिशत) के शेयर भी नुकसान में रहे।
सूचकांक में मजबूत हिस्सेदारी रखने वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज का शेयर 0.5 प्रतिशत, एचडीएफसी का एक प्रतिशत तथा आईसीआईसीआई बैंक का 1.3 प्रतिशत नीचे आये।
इसके उलट सन फार्मास्युटिकल्स, एचडीएफसी बैंक, मारुति, टाइटन और एनटीपीसी के शेयर बढ़त के साथ बंद हुए।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘रूस-यूक्रेन के बीच तनाव में कोई महत्वपूर्ण सुधार नहीं होने तथा खाड़ी क्षेत्र में अनिश्चितता से कच्चे तेल की कीमतों में तेजी आयी। इसके कारण घरेलू बाजार में हाल की मजबूती के बाद बिकवाली की गयी। विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) का बाजार में लौटना घरेलू शेयर बाजारों के लिये सकारात्मक है। लेकिन थोक ग्राहकों के लिये डीजल के दाम में बढ़ोतरी तथा मुद्रास्फीति दबाव का घरेलू बाजार पर प्रतिकूल प्रभाव है।’’
अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 3.53 प्रतिशत उछलकर 111.5 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। ऐसी रिपोर्ट है कि यूरोपीय देश इस सप्ताह रूस से तेल लेने पर रोक लगाने पर विचार कर सकते हैं। इससे आपूर्ति घट सकती है और ईंधन के दाम में तेजी आ सकती है।
तेल निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक) की तरफ से कम आपूर्ति के बीच सऊदी अरब में ऊर्जा टर्मिनल पर पिछले सप्ताह हूती विद्रोहियों के हमले से अस्थायी तौर पर कच्चा तेल उत्पादन प्रभावित हुआ है।
रेलिगेयर ब्रोकिंग लि. के उपाध्यक्ष (शोध) अजित मिश्रा ने कहा, ‘‘इस सप्ताह बाजार की शुरुआत हल्की रही और इसमें करीब एक प्रतिशत की गिरावट आयी।’’
एशिया के अन्य बाजारों में चीन का शंघाई कंपोजिट मामूली बढ़त में रहा, जबकि हांगकांग के हैंगसेंग में नुकसान रहा। जापान का बाजार बंद रहा।
यूरोप के प्रमुख बाजारों में दोपहर के कारोबार में तेजी का रुख था।
शेयर बाजार के अस्थायी आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक शुद्ध लिवाल रहे। उन्होंने बृहस्पतिवार को 2,800.14 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर खरीदे।
शुक्रवार को होली के अवसर पर शेयर बाजार बंद थे।
भाषा
रमण अजय
अजय
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