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Tuesday, 19 November, 2024
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राजस्थान: विधानासभा अध्यक्ष ने प्रवेश द्वार गिराए जाने के मुद्दे पर चर्चा की अनुमति नहीं दी

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जयपुर, 21 मार्च (भाषा) राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी ने सोमवार को सालासर-सुजानगढ़ मार्ग पर ‘राम दरबार’ स्वागत द्वार तोड़े जाने का मुद्दा सदन में उठाने की इजाजत नहीं दी। उन्होंने कहा कि जिस कार्य के तहत द्वार को गिराया गया, वह केंद्र का विषय है इसलिए इस पर विधानसभा में चर्चा नहीं हो सकती।

उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने सोमवार को शून्यकाल में यह मुद्दा उठाना चाहा तो डॉ जोशी ने उन्हें टोकते हुए कहा, ‘‘जो विषय केंद्र का है उस विषय पर विधानसभा में चर्चा नहीं हो सकती।’’ उन्होंने कहा, ‘‘श्रीराम की मूर्ति लगे द्वार को जिस ढंग से गिराया गया, वह दुर्भाग्यपूर्ण है। आपकी भावना से भारत सरकार को अवगत करवा देंगे लेकिन सदन में इस पर चर्चा नहीं होगी।’’

जोशी के अनुसार यह केंद्र सरकार से जुड़ा मामला है क्योंकि द्वार को राष्ट्रीय राजमार्ग से जुड़ी परियोजना के लिए काम कर रहे केंद्र सरकार के ठेकेदार ने तोड़ा है। यह प्रवेश द्वार चुरू जिले में प्रसिद्ध सालासर बालाजी मंदिर की ओर जाने वाली सड़क पर स्थित था और सड़क को मौजूदा दो लेन से चार लेन तक चौड़ा करने के लिए इसे 15 मार्च को ढहा दिया गया। इसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं ने इसे लेकर राज्य की कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार पर निशाना साधा है। विधानसभा के बाहर सोमवार को भी कांग्रेस और भाजपा के विधायकों ने एक दूसरे पर निशाना साधा।

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने विधानसभा के बाहर संवाददाताओं से कहा कि स्वागत द्वार का निर्माण एक गैर सरकारी संगठन द्वारा किया गया था, जिस पर प्लास्टर ऑफ पेरिस से बनी राम दरबार की मूर्तियां बिना प्राण प्रतिष्ठा के गेट पर रखी गई थी। उन्होंने कहा कि अब सड़क को दो लेन से चार लेन तक चौड़ा किया जा रहा है इसलिए द्वार को तोड़ा गया, लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि द्वार को हटाने से पहले मूर्तियों को नहीं हटाया गया। उन्होंने कहा, ‘‘यह सुनिश्चित करना हर सरकार और हर अधिकारी की जिम्मेदारी है कि किसी की भावनाएं आहत न हों।’’

डोटासरा ने आरोप लगाया कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और अन्य नेताओं ने इस मुद्दे पर आंदोलन शुरू करने के लिए सालासर के पुजारियों को फोन किया। उन्होंने भाजपा पर धर्म की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘भाजपा नेता मंदिर के पुजारियों को फोन कर कह रहे हैं कि आप आंदोलन शुरू करें और भाजपा इसे (आंदोलन को) आक्रामक रूप देना चाहती है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा वालों के पास सिर्फ एक काम बचा है, धर्म के नाम पर लोगों को बांटो।’’ डोटासरा ने कहा कि वसुंधरा राजे के नेतृत्व वाली राज्य की पिछली भाजपा सरकार में जयपुर मेट्रो रेल के काम के दौरान जयपुर में 300 से अधिक मंदिरों को तोड़ा गया था। उन्होंने कहा कि उन मंदिरों में मूर्तियां प्राण प्रतिष्ठा के बाद स्थापित की गईं थीं, लेकिन उन्हें तोड़ दिया गया।

निर्दलीय विधायक और मुख्यमंत्री के सलाहकार संयम लोढ़ा ने कहा कि सड़क को चौड़ा करना भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) की परियोजना है और इसके लिए केंद्र सरकार जिम्मेदार है। वहीं, भाजपा के विधायक और मुख्य प्रवक्ता रामलाल शर्मा ने कहा कि जिस तरह से मूर्तियों को नुकसान पहुंचाया गया, उससे लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं। चुरू के जिला कलेक्टर सिद्धार्थ सिहाग ने संपर्क करने पर इस मामले पर टिप्पणी करने से इनकार करते हुए कहा कि एक आधिकारिक बयान बाद में जारी किया जाएगा।

भाषा पृथ्वी सुरभि

सुरभि

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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