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Sunday, 29 September, 2024
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अब एचपीसीएल ने 20 लाख बैरल रूसी कच्चे तेल की खरीद की, एमआरपीएल ने जारी की निविदा

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नयी दिल्ली, 17 मार्च (भाषा) इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) के बाद हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि. (एचपीसीएल) ने रूस से 20 लाख बैरल कच्चे तेल की खरीद की है। भारतीय तेल रिफाइनरी कंपनियां कम दाम पर उपलब्ध रूसी तेल खरीदने को लेकर कदम उठा रही हैं।

मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने बताया कि आईओसी की तरह एचपीसीएल ने भी यूरोपीय कारोबारी विटोल के जरिये रूसी यूराल्स क्रूड (रूस का निर्यात स्तर का कच्चा तेल) की खरीद की है।

इसके अलावा मेंगलोर रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लि. (एमआरपीएल) ने इसी प्रकार का 10 लाख बैरल कच्चा तेल खरीदने को लेकर निविदा जारी की है।

यूक्रेन पर रूस के हमले को लेकर पश्चिमी देशों की उसपर विभिन्न पाबंदियों से कई कंपनियां और देश तेल खरीदने से बच रहे हैं। इससे रूसी कच्चे तेल का दाम कम हुआ है और यह बाजार में भारी छूट पर उपलब्ध है।

इस अवसर का लाभ उठाने के इरादे से भारतीय रिफाइनरी कंपनियों ने कम दाम पर तेल खरीदने को लेकर निविदाएं जारी की हैं। इन निविदाओं के लिये वे कारोबारी सफल बोलीदाता के रूप में उभरे हैं, जिन्होंने सस्ते रूसी तेल का भंडार रखा हुआ है।

सूत्रों ने कहा कि देश की सबसे बड़ी पेट्रोलियम कंपनी आईओसी ने पिछले सप्ताह विटोल के जरिये मई डिलिवरी के लिये रूसी कच्चा तेल की खरीद की। कंपनी को यह तेल 20 से 25 डॉलर बैरल सस्ता मिला।

उसने कहा कि इस सप्ताह एचपीसीएल ने 20 लाख बैरल यूराल्स क्रूड की खरीद की है।

इस बीच, दुनिया की सबसे बड़ी रिफाइनरी का परिचालन करने वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज लि. रूसी ईंधन खरीदने से बच सकती है। इसका कारण कंपनी का अमेरिका में निवेश है। ऐसे में रूस पर पाबंदी से उसके कारोबार पर असर पड़ सकता है।

आईओसी का 2020 से रूस के रोसनेफ्ट से कच्चा तेल खरीदने के समझौता है। लेकिन, समझौते के तहत इसने शायद ही कभी आयात किया क्योंकि रूस से तेल के परिवहन की लागत इसे आर्थिक रूप से अव्यावहारिक बना देती है।

सूत्रों ने कहा कि प्रति बैरल 20 से 25 डॉलर की छूट ने माहौल रूसी कच्चा कच्चे तेल के पक्ष में बना दिया है और भारतीय रिफाइनरी कंपनियां इस अवसर को हाथों-हाथ ले रही हैं।

उसने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) की अनुषंगी एमआरपीएल ने भी मई डिलिवरी के लिये 10 लाख बैरल कच्चे तेल की खरीद की इच्छा जतायी है।

कंपनियां अपनी शर्तों के आधार पर रूस से कच्चे तेल की खरीद कर रही हैं। इसमें विक्रेता के भारतीय तट तक कच्चे तेल की आपूर्ति शामिल है। यह शर्त माल ढुलाई और बीमा की व्यवस्था में प्रतिबंधों के कारण होने वाली किसी भी जटिलता से बचने के लिए रखी गई है।

सूत्रों ने कहा कि रूस के साथ व्यापार का निपटारा डॉलर में किया जा रहा है क्योंकि अंतरराष्ट्रीय भुगतान व्यवस्था को अबतक पश्चिमी प्रतिबंधों के दायरे से बाहर रखा गया है।

भाषा

रमण अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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