गुवाहाटी, 17 मार्च (भाषा) असम सरकार ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह एक ‘राज्य ओबीसी आयोग’ गठित करेगी, जो अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की मौजूदा आरक्षण सीमा के भीतर विभिन्न जनजातियों के लिए उप-वर्गीकरण पर फैसला करेगी।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक रूपेश गोवाला द्वारा चाय बागान में कम करने वाली जनजातियों को लेकर एक सवाल के जवाब में शिक्षा मंत्री रनोज पेगू ने कहा कि वर्तमान में शिक्षण संस्थानों में इन जनजातियों के लिए कोई अलग आरक्षण नहीं है और वे ओबीसी श्रेणी में आते हैं।
पेगू ने कहा, ‘‘ओबीसी आरक्षण 27 प्रतिशत है। हम इस पर विचार कर रहे हैं कि क्या मौजूदा 27 प्रतिशत के भीतर अलग-अलग ओबीसी जनजातियों के लिए आरक्षण और उप वर्गीकरण की व्यवस्था की जा सकती है।’’
पेगू ने सदन को सूचित किया कि ‘राज्य ओबीसी आयोग’ का गठन किया जाएगा और विभिन्न समुदायों के लिए आरक्षण मानदंडों के उपवर्गीकरण पर फैसला किया जाएगा।
मंत्री ने कहा कि वर्तमान में केवल डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालय में कला, वाणिज्य और विज्ञान धाराओं में उच्च अध्ययन के लिए चाय बागान से जुड़ी जनजातियों के छात्रों के लिए आठ सीटों पर आरक्षण है। उन्होंने कहा, ‘‘राज्य के अन्य विश्वविद्यालयों में चाय बागान के समुदाय के छात्रों के लिए ऐसा कोई सीधा आरक्षण नहीं है।’’
भाषा आशीष उमा
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