रांची, 16 मार्च (भाषा) झारखंड में विभिन्न जल प्रपातों के आस पास सुरक्षा और दुर्घटनाओं से बचने के लिए पानी गिरने के स्थान पर गहराई को पाटा जायेगा तथा वहां अधिकतम गहराई पांच फुट रखी जायेगी। साथ ही पर्यटकों के लिए अच्छे रेस्टोरेंट की व्यवस्था की जायेगी। राज्य के एक मंत्री ने मंगलवार को विधानसभा में यह जानकारी दी।
राज्य विधानसभा में एक सवाल के जवाब में अल्पसंख्यक कल्याण, पर्यटन, युवा, खेल-कूद एवं संस्कृति विभाग के मंत्री हफीजुल हसन ने कहा, ‘‘झारखंड में जल प्रपातों की गहराई कम की जाएगी, जो पांच फुट से ज्यादा नहीं होगी। वहीं, जल प्रपात के आस-पास लोहे के पाइप के अवरोधक लगाए जाएंगे ताकि वहां कोई दुर्घटना नहीं हो।’’
उन्होंने सदन में बताया कि इन जल प्रपातों पर पर्यटकों की भारी भीड़ आती है, जिनके लिए होटल एवं रेस्टोरेंट की भी व्यवस्था की जाएगी। कांग्रेस विधायक राजेश कच्छप के सवाल के जवाब में हसन ने कहा कि लोगों की सुरक्षा के लिए जल प्रपातों की गहराई कम की जा रही है।
इस बीच, कांग्रेस विधायक उमाशंकर अकेला ने हजारीबाग के प्राचीन शिव मंदिर को पर्यटन स्थल घोषित करने और उसकी सीढ़ियों को दुरुस्त करवाने की मांग की। इसके जवाब में मंत्री ने हजारीबाग के उपायुक्त से इस संबन्ध में प्रस्ताव मांग कर उचित कार्रवाई किए जाने की बात कही।
भाषा इन्दु सिम्मी सुरभि
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