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Wednesday, 6 November, 2024
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न्यायालय ओआरओपी के वार्षिक आधार पर स्वत: प्रभावी होने संबंधी याचिका पर बुधवार को फैसला सुना सकता है

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नयी दिल्ली, 15 मार्च (भाषा) उच्चतम न्यायालय बुधवार को पूर्व सैनिकों के संघ की उस याचिका पर अपना फैसला सुना सकता है, जिसमें ‘एक रैंक, एक पेंशन’ (ओआरओपी) के पांच साल में एक बार समीक्षा की वर्तमान नीति के बजाय भगत सिंह कोश्यारी समिति की सिफारिश के अनुसार वार्षिक आधार पर लागू करने का अनुरोध किया गया है।

न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने 23 फरवरी को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था और केंद्र से पूछा था कि क्या ओआरओपी के पांच साल में एक बार समीक्षा अवधि को कम करके पूर्व सैनिकों की कठिनाइयों को कुछ हद तक कम किया जा सकता है या नहीं?

यह याचिका ‘इंडियन एक्स सर्विसमैन मूवमेंट’ (आईईएसएम) ने अधिवक्ता बालाजी श्रीनिवासन के माध्यम से केंद्र के ओआरओपी के फार्मूले के खिलाफ याचिका दायर की है।

शीर्ष अदालत ने कहा था कि उसका फैसला आंकड़ों पर नहीं बल्कि वैचारिक आधार पर आधारित होगा।

भाषा शफीक देवेंद्र

देवेंद्र

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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