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Thursday, 21 November, 2024
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सहमति-जबर्दस्ती के बीच : भारत में ‘देसी पॉर्न’ को उफान देतीं ये महिलाएं

ओनली-फैन्स से लेकर देवर-भाभी वेब शो के जरीये भारत की देसी एडल्ट नायिकाएं अपनी कामुकता बेच कर कमाई कर रही हैं और मर्द की सेक्स की चाहत से पैसे बना रही हैं.

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लखनऊ: आज की कहानी के पात्र देवर और भाभी हैं. फर्श और बिस्तर फूलों की पंखुड़ियों के सज गई हैं. कमरे में रिंग लाइट की मद्धम रोशनी है. सेट पर मादकता और संस्कार का संतुलन बनाने की कोशिश की गई है. एक कमरे के इस सेट को स्थानीय प्रॉपर्टी डीलर से एक दिन के किराये पर लिया गया है. फिल्म में नाममात्र का स्क्रिप्ट और डायलॉग्स हैं. सब कुछ स्वत: स्फूर्त होना है. ये किरदार पहली बार कैमरे के सामने काम कर रहे हैं. इसके बावजूद, उन्हें स्क्रीन पर सहज दिखना है.

डायरेक्टर को दोहरी जिम्मेदारी मिली है. वह कैमरामैन भी है. किरदारों के व्हिस्की की घूंट लेते ही उसने अपने सेलफोन को ट्राइपॉड पर लगाया. उसे सात, सेक्स सीन शूट करने हैं. किरदारों में एक औरत और एक मर्द हैं.

शूट पूरा होने पर मर्द किरदार को दो हजार रुपये मिलेंगे. उस औरत किरदार को 10,000 रुपये. यह उन चंद कामों में एक है जिसके लिए महिलाओं को पुरुषों के मुकाबले ज़्यादा पैसे मिलते हैं.

यह बहुत बड़ी रकम नहीं है. लेकिन, रजनी को इससे फर्क नहीं पड़ता है. उसे अपने बेटे के स्कूल की फीस भरनी है. वह पैसे देने में कभी देरी नहीं करती. वह इस मामले में अपने बाकी साथियों से अलग है.


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प्राजना घोष का चित्रण | दिप्रिंट

मास्टर डिग्री से मसाज पार्लर तक : पोर्न की दुनिया में रजनी का पहला कदम

गुलाबी और सफेद शिफॉन की साड़ी के साथ बिंदी, सिंदूर और मंगलसूत्र पहने 32 साल की रजनी अपने फ़ोन को स्क्रॉल कर रही हैं. तस्वीरों में उनका बेटा, शर्ट और जिंस पहने हुए है और उनकी बेटी सफेद फ्रॉक में है. साल 2019 में उनकी जिंदगी इतनी आसान नहीं थी. तब वह लखनऊ के एक अस्पताल में अपने बेटे के इलाज के लिए पैसे जुटाने की जद्दोजहद में जुटी थीं. रसोई में एक दुर्घटना की चपेट में आने से उनका बेटा, थर्ड डिग्री तक झुलस गया था.

उनका बेरोजगार पति इसमें कोई मदद कर पाने की हालात में न था. परिवार वाले और दोस्तों ने भी उनसे मुंह मोड़ लिया था.

इजाजत के साथ इस्तेमाल | विशेष व्यवस्था के साथ

रजनी लखनऊ के एक स्पा पार्लर में काम करना शुरू किया. यहां वह, नए ग्राहक बनाने के लिए लोगों को कॉल करती थी, उन्हें ऑफर बताती थी, और ग्राहकों को पार्लर तक लाने की कोशिश करती थी. यह वेश्यावृत्ति की ओर उसका पहला कदम भर था.

उसे पता चला कि क्लाइंट को मसाज देने, खास कर ‘अलग’ सेक्स सेवाएं देने वाली औरतों को ज़्यादा पैसे मिलते हैं. वह पुराने दिनों को याद करते हुए कहती हैं, ‘मुझे पैसे की बहुत दिक्कत थी.’ वह कहती हैं, ‘मुझे पता चला कि क्लाइंट के पास बाद में जाने पर दूसरी लड़कियां दोगुनी, तिगुनी कमा लेती हैं. अगर मैं और शिफ्ट में भी काम करती, तो भी ज़्यादा से ज़्यादा 15 हजार रुपये कमा पाती. इस पैसे से मैं अपने बच्चों की फीस भी नहीं भर सकती थी.’

स्पा पार्लर में पहले फोन करने और फिर मसाज का काम छोड़ने के बाद, रजनी ने सेक्स सेवाएं देने के लिए अपना नेटवर्क बनाना शुरू किया. जल्द ही उन्होंने अपने नेटवर्क में असंगठित सेक्स व्यापार के एजेंटों को जोड़ लिया. ये एजेंट उसके लिए ग्राहक ढूंढ़ कर लाते थे.

बाद में कमीशन बचाने के लिए वह ज़्यादातर दलालों से मेल-जोल खत्म कर दिया और सिर्फ़ कुछ ‘करीबी’ एजेंट के संपर्क में ही रही.

महामारी के दौरान इन्हीं में से एक करीबी एजेंट ने इंटरनेट पर पोर्नोग्राफिक क्लिप के लिए एक्टिंग करने के बारे में उसे बताया. यह कमाई का नया जरिया था. वह सेक्स वर्कर के तौर पर अब भी ज़्यादा पैसे कमाती है, लेकिन पॉर्न ‘अतिरिक्त कमाई’ का अच्छा जरिया है. हालांकि, कैमरे पर दिखने के लिए थोड़ा ज़्यादा काम करना होता है. रजनी कहती हैं कि शूट के लिए उन्हें अपने रंग-रूप को ‘मेंटेंन रखना’ होता है.

वह कहती हैं, ‘यहां पर काम (सेक्स की क्वालिटी) कोई मायने नहीं रखता है. लेकिन, आपका देह आकर्षक होना चाहिए.

इजाजत के साथ इस्तेमाल | विशेष व्यवस्था से.

रजनी के पास विकल्प बहुत कम थे. उसकी शादी सिर्फ़ 16 साल की उम्र में हो गई. वह राज्य के एक प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय से गृह विज्ञान में मास्टर डिग्री हासिल की. वह कुछ महीनों में ही डॉक्टोरल प्रोग्राम में दाखिला लेने वाली थी. इसी बीच, उसके बेटे के साथ दुर्घटना हो गई. पिछले साल उसने उत्तर प्रदेश शिक्षक योग्यता परीक्षा देने वाली थी. लेकिन, पेपर लीक होने की वजह से परीक्षा रद्द कर दी गई और उनकी उम्मीदों पर पानी फिर गया. बाद में, इसके पीछे एक बड़े सिंडिकेट का हाथ होने का पता चला.

रजनी इतना पैसा कमाना चाहती हैं कि वह एक दिन अपना मसाज और मेकअप सैलून खोल सकें. उसके पति अब भी सोचते हैं कि वह किसी ऐसे मसाज में काम करती है जहां पर सेक्स जैसा कुछ नहीं होता.

दिप्रिंट से बातचीत में रजनी ने खुद को उन लोगों से अलग बताया ‘जो यह सब पैसों के लिए करते हैं.’

रजनी कहती हैं, ‘इस पेशे में दूसरे लोग भी हैं, खासकर कॉलेज जाने वाली लड़कियां जो महंगे बैग और ट्रेंडी ड्रेस के लिए यह काम करती है. …ऐसे लोग इस पेशे को खराब कर रही हैं.’

‘अगर आपको पैसे और शोहरत चाहिए तो आपको झिझक तोड़नी पड़ेगी’

पीले रंग का क्रॉप टॉप और गुलाबी जींस और पैरों में हल्के नीले रंग की स्नीकर्स पहने प्रिया ने खुद को खूब सजाया है, लेकिन वह इसे ‘कम-से-कम मेकअप’ कहती हैं.

प्रिया कॉमर्स ग्रेजुएट हैं और इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट में कोर्स करने के साथ ही एक नामी ऑटोमोबाइल कंपनी में इंटर्न भी रह चुकी है. उन्हें अच्छी तरह से पता है कि वह एडल्ट इंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में क्यों काम कर रही हैं.

25 साल की प्रिया ने साफगोई से कहा, ‘अगर आपको पैसे और शोहरत चाहिए, तो आपको झिझक खत्म करनी पड़ेगी. आपको कैमरे के सामने शर्माना छोड़ना होगा. इससे कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता है कि एक्टिंग क्या करनी है.’

‘चाहे बिपाशा बसु की तरह करनी हो, सन्नी लियोनी या पूनम पांडे की तरह, मुझे कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता.’

इरोटिका और स्टारडम का इंटरसेक्शन: कई वयस्क कलाकारों के लिए एक आकांक्षा | चित्रण: सोहम सेन

प्रिया, 19 साल की उम्र से इरोटिका इंडस्ट्री में काम कर रही हैं. रजनी की तरह, प्रिया खुद को पोर्न एक्ट्रैस नहीं कहती हैं, क्योंकि उन्होंने अब तक सेक्स फिल्म में काम नहीं किया है. ऐसा नहीं है कि वह ऐसा करना नहीं चाहती है. दरअसल, उन्हें अब तक सही मौका नहीं मिल पाया है.’

वह कहती हैं, ‘दो महीने पहले दिल्ली की एक एजेंसी ने मुझसे पॉर्न वीडियो के लिए संपर्क किया था. क्लाइंट की कंपनी अमेरिका की है. मुझे 11 महीने का एग्रीमेंट ऑफर किया गया था. इसका शूट देश के बाहर होना था. उन्होंने मुझे 20 मिनट के वीडियो के लिए पांच से छह लाख रुपये ऑफर किया था.’

हालांकि, यह डील नहीं हो पाई, क्योंकि उस क्लाइंट ने प्रिया से अपने ‘ऑडिशन’ के लिए न्यूड वीडियो भेजने को कहा था.

‘इसकी क्या गारंटी थी कि वे इसे बेचेंगे नहीं, और मुझे कमाई का कोई हिस्सा भी नहीं मिलने वाला था?’

प्रिया के मुताबिक, डिजिटल प्लैटफॉर्म पर मौजूद एडल्ट कंटेंट को बांटने के लिए अलग-अलग टर्म का इस्तेमाल होता है. ‘बोल्ड कंटेंट’ में गले मिलना और चुंबन के दृष्य होते हैं और कुछ कामुक तस्वीरें हो सकती हैं. ‘अनकट क्लिप’ में टॉपलेस सीन होने हैं. यह लंबे सेक्स वीडियो का एक हिस्सा होता है. असल पॉर्न की कोई सीमा नहीं होती.

पहली बार प्रिया ने ‘मनोरमा की कहानियां’ के लिए ‘बोल्ड’ कंटेंट बनाया था. वह कहती हैं, ‘उसमें गले मिलना, किसिंग और स्मूचिंग था, लेकिन कोई नग्नता नहीं थी.’

उसके बाद उसने ओटीटी एप्लिकेशन लॉलीपॉप की वेब सीरीज चकोर में काम किया. इसमें उनके टॉपलेस दृश्य थे. वह कहती हैं, ‘हर महिलाओं को 10,000 रुपये मिले थे.’

इजाजत के साथ इस्तेमाल | विशेष व्यवस्था से

अपने पहले चेक से उसने अपने लिए भूरे रंग की जुपिटर स्कूटी खरीदी. वह कहती है कि करीब पिछले दो सालों से वह रिलेशनशिप में नहीं है. वह कहती हैं, ‘हम जो काम करते हैं उसे लोग समझ ही नहीं पाते…. वह इसे सम्मान की नजरों से नहीं देखते हैं.’


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साइड इनकम: ख्याति की कहानी

ख्याति 27 साल की हैं. वह कानून में स्नातक हैं. पिछले साल लॉकडाउन की वजह से वह साइड इनकम की तलाश कर रही थीं. इस हड़बड़ी में उन्होंने इरोटिक कॉन्टेंट बेचने का मन बना लिया. उन्होंने खुद को ओनली-फैंन्स पर दिखाना शुरू किया. यहां से उन्हें हर महीने 5 से 20 डॉलर तक मिल जाते थे. इस वेबसाइट पर यूजर कई तरह के कामुक कंटेंट देख सकते हैं और अपनी पसंद के कॉन्टेंट के लिए ‘टिप’ भी देते हैं. यह वेबसाइट सिर्फ़ सब्सक्राइबर को सेवा देती है.

वह कहती हैं, ‘मेरे पास फुल-टाइम जॉब है… और मैं अपने शेड्यूल से ताल-मेल खाने वाली कमाई के दूसरे ज़रिए को खोज नहीं सकी.’

ख्याति इस काम को लेकर सहज हैं. वह कहती हैं, ‘कॉन्टेंट से कभी दिक्कत नहीं हुई. कल को हो सकता है कि मैं स्टैंड अप कॉमेडी करना चाहूं.’

उनके चैनल के सब्सक्राइबर लगातार नए कॉन्टेंट की मांग करते हैं. उनके सब्सक्राइबर में ज्यादातर भारत में रहने वाले हैं. इनमें थोड़ी संख्या एनआरआई की भी है. ख्याति कहती हैं, तेजी से काम करना, ‘मुश्किल है और थका देने वाला है.’

वह कहती हैं, ‘मेरे लिए न्यूडिटी की कोई सीमा नहीं है. दूसरे कॉन्टेंट क्रिएटर्स दूसरे लोगों के साथ भी सेक्स गतिविधियां शेयर करती हैं, लेकिन मैंने अबतक अपने देह से जुड़े कॉन्टेंट ही शेयर किया है.’

ओनली-फैन्स जैसे ऐप्लिकेशन का सब्सक्रिप्शन मॉडल विवादों में रहा है. इसके नए सब्सक्राइबर सात दिनों तक ऐप्लिकेशन का इस्तेमाल करने के बाद रिफंड मांग सकते हैं. पिछले साल ओनली-फैन्स ने घोषणा की थी वह कामुक कॉन्टेंट को अपने प्लेटफॉर्म पर बैन लगा देगा. हालांकि, क्रिएटर्स की ओर से शिकायतें मिलने के बाद, कंपनी ने एक हफ्ते के भीतर ही इस फैसले को बदल दिया.

हालांकि समस्या अब भी है. ओनली-फैंस पर इरोटिक कंटेंट अपलोड करने वाली एक अन्य क्रिएटर पूनम ने कहा, ‘कुछ यूजर कंटेंट देखने के बाद अनसब्सक्राइब कर देते हैं… एक महीने, मुझे 45,000 रुपये का नुकसान हुआ. इतना ही नहीं, इन वीडियो और इमेज को डाउनलोड करने के बाद, उन्हें कहीं और अपलोड कर दिया जाता है.’

पूनम 20 साल की हैं और हॉटशॉट ऐप्लिकेशन की एक फिल्म में काम कर चुकी हैं. अब यह ऐप्लिकेशन बंद हो चुका है. वह कहती है कि कारोबार में घाटा होने और पिता के बीमार पड़ने के बाद वह इस इंडस्ट्री में आईं.

प्राजना घोष का चित्रण | इजाजत के साथ इस्तेमाल

भारत के गैर-पेशेवर पॉर्न में उछाल

महामारी के बाद लगे लॉकडाउन का एक असर यह भी रहा है कि भारत में पोर्नोग्राफी देखने वालों की संख्या में उछाल आया है. पॉर्न एग्रीगेटर पॉर्नहब की ओर से जारी डाटा के मुताबिक, कोविड-19 की पहली लहर में पोर्नोग्राफी कंटेंट देखने वालों की संख्या में 95 फीसदी की वृद्धि हुई.

भारत सरकार ने सैकड़ों पोर्नोग्राफिक वेबसाइटों को बंद कर दिया है. इसके बावजूद, भारत में पोर्न की मांग को पूरा करने के लिए कुछ वेबसाइट, नाम बदलकर मौजूद हैं. साथ ही, नई वेबसाइटें भी आ गई हैं.

दुनिया की एक टॉप एडल्ट साइट एक्स-मास्टर के मुताबिक, भारतीय कलाकारों वाले ‘देसी पॉर्न’ को घरेलू दर्शक सबसे ज़्यादा पसंद करते हैं. एडल्ट कॉन्टेंट दिखाने वाले ऐसे घरेलू प्लेटफॉर्म बाजार में आ गए हैं जो भारतीय किरदार वाले भारतीय कंटेंट की मांग को पूरी करते हैं. इनमें से कुछ सब्सक्रिप्शन शुल्क लेकर बेहतर तरीके से फिल्माए गए इरोटिक कंटेंट दिखाते हैं. यहां पर साधारण और गैर-पेशेवर तरीके से खुद से बनाए गए वीडियों का बेहतर वर्जन मिलता है. जैसे कि रजनी अपना वीडियो खुद से ही बनाती हैं.

एडल्ड कंटेंट दिखाने वाले लोकप्रिय भारतीय प्लेटफार्म में, वीडियो स्ट्रीमिंग ऐप उल्लू शामिल है. इसका सालाना शुल्क 297 रुपये है. यहां पर पलंग तोड़, नपुंसक, मजबूरी, कविता भाभी, मोना होम डिलीवरी और चरम सुख जैसी कामोत्तेजक वेब सीरीज मौजूद हैं. कूकू और न्यूफ्लिक्स जैसे कई अन्य स्ट्रीमिंग ऐप भी इसी तरह के कंटेंट दिखाते हैं.

उल्लू प्लेटफार्म पर स्ट्रीम की गई ‘पलंग तोड़’ का स्क्रीनशॉट.

पिछले साल मुंबई पुलिस ने कारोबारी और हॉटशॉट ऐप्लिकेशन के मालिक राज कुंद्रा और हॉट हिट मूवी के रोवा खान को गिरफ्तार किया था. उन पर अपने ओटीटी प्लेटफॉर्म पर पॉर्न कंटेंट दिखाने का आरोप था. इन धड़-पकड़ से भी इस इंडस्ट्री की रफ्तार पर कोई लगाम लगती नहीं दिखती.

इस इंडस्ट्री में काम करने वालों की कोई कमी नहीं है. कई सेक्स वर्कर पर कोविड-19 की वजह से होने वाले लॉकडाउन का बुरा असर हुआ है. ऐसे में इन्होंने अपने कारोबार को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर शुरू कर दिया. वैसे ही जैसे दूसरे प्रोफेशन के लोगों ने अपनी कमाई बढ़ाने के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का रुख किया है. यह ट्रेंड बड़े स्तर पर हुआ है और भारत इससे अछूता नहीं है.


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जबर्दस्ती और सहमति

इस अल्पविकसित पॉर्न इंडस्ट्री में जबर्दस्ती और सहमति के बीच का महीन फ़र्क़ है. कई लोगों की यह पहली पसंद नहीं है, लेकिन अच्छी जिंदगी जीने का एक बेहतर तरीका ज़रूर है.

रजनी जैसे लोगों के लिए, पॉर्न इंडस्ट्री में उनकी सहमति को दूसरी किसी भी जगह से ज़्यादा तवज्जो दी जाती है.

रजनी कहती हैं, ‘अगर मैं किसी मॉल में काम करती, तो मुझे 10 या 12 हजार रुपये मिलते. क्या गारंटी है कि मेरा मालिक मुझे वहां पर सेक्स करने के लिए जबर्दस्ती नहीं करता? 10 घंटों की शिफ्ट में सैकड़ों मर्द मुझे घूरेंगे. देर रात घर लौटते हुए, हो सकता था कि मेरा रेप हो जाए. यहां पर कम-से-कम मेरी सहमति मायने रखती है.’

प्राजना घोष का चित्रण | दिप्रिंट

रजनी की दोस्त रीना इस एडल्ट एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में बाकी के मुकाबले नई हैं. उनके पति ने उनकी फोटो ऑनलाइन लीक कर दी थी. इसके बाद वह पोर्नोग्राफी को ‘नए नजरिए’ से देखना शुरू किया. उन्होंने अपने पति से तलाक ले लिया, लेकिन इस काम से जुड़ गईं.

उन्होंने कहा, ‘कोई भी यहां पर रहना नहीं चाहता है, अब जब हम यहां पर आ गए हैं, तो हमें जितनी जल्दी हो सके ज़्यादा से ज़्यादा पैसे कमाने की कोशिश करनी चाहिए.’

कई औरतों को यहां पर धोखेबाजी की वजह से आना पड़ा. ब्रोकर उन्हें मेनस्ट्रीम में मॉडलिंग और एक्टिंग की नौकरी देने के बहाने यहां लाते हैं.

एडल्ट फिल्मों में कास्टिंग डायरेक्टर इमान कहते हैं, ‘इन महिलाओं को फोटोशूट या एड बताया जाता है और जब वे ऑडिशन के बाद मिलती हैं, तो उन्हें दूसरी बातें अच्छी तरह से बताई जाती हैं.’

अगर कोई महिला इसे बुरा मानती है, तो उन्हें लुभावने ऑफर दिए जाते हैं. इमान कहते हैं, ‘आम तौर पर बोला जाने वाला जुमला है—मुंह मांगा पैसा मिलेगा. अगर किसी को पैसे की ज़रूरत है, तो यह उसके लिए बड़ा प्रलोभन होता है.’

इस इंडस्ट्री में ब्रोकर की गतिविधियों पर सवाल उठते रहे हैं. लेकिन, यह भी सच है कि इस इंडस्ट्री को चलाने में इन ब्रोकर की अहम भूमिका होती है. वे क्लाइंट और कलाकार के बीच डील को तय करवाने से लेकर, शूटिंग को मैनेज करने और सेट पर कुछ हद तक सुरक्षा देने का भी काम करते हैं. ब्रोकर को कलाकार की कमाई का एक हिस्सा मिलता है. वे यह भी पक्का करते हैं कि समय पर पैसे मिल जाए.

रीना कहती हैं कि पिछली बार 10 मिनट के वीडियो का पूरा बजट 35,000 हजार रुपये का था. इसमें से उन्हें 18,000 रुपये फीस के तौर पर मिले. ब्रोकर ने अपना कमीशन उनकी कमाई में से लिया.

रजनी कहती हैं, ‘पेमेंट की रकम, कैरेक्टर, एक्टिंग, स्टोरीलाइन, महिला के रंग-रूप और वीडियो की लंबाई पर निर्भर करता है…. उदाहरण के लिए अगर वीडियो में ग्रुप सेक्स है या थ्रीसम है, तो उसका बजट ज़्यादा होगा.’

सिर्फ़ कुछ महिलाओं को ही यह पता होता है कि यह किस प्लेटफॉर्म पर वीडियो अपलोड होगा, इस प्रोडक्शन से कितनी कमाई होगी, क्या इसे विदेशों में बेचा जाएगा. हालांकि, भारत में शूट किए जाने वाले कंटेंट में कलाकारों के चेहरों वाले हिस्से को धुंधला कर दिया जाता है या उसे मास्क से ढंक दिया जाता है. इन महिलाओं को इसके बारे में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं होती है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में जाने के बाद इन वीडियो का क्या होता है.

प्राजना घोष का चित्रण | दिप्रिंट

कानून, इंटरनेट और पुरुषवादी सोच

सैद्धांतिक तौर पर भारत में सेक्स और कामुकता से जुड़ी कारोबारी गतिविधियां अवैध है. टेक्नॉलॉजी पॉलिसी थिंक-टैंक द डायलॉग की सीनियर रिसर्च एसोसिएट श्रुति श्रेया कहती हैं कि सुप्रीम कोर्ट में डाली गई जनहित याचिकाओं (पीआईएल) पर कोर्ट के फैसले के बाद, पोर्नोग्राफी को लेकर भारत की कानून व्यवस्था में ‘समय के साथ बदलाव आया है’.

वह कहती हैं, ‘इन पीआईएल के आधार पर ही सुप्रीम कोर्ट ने कुछ वेबसाइटों पर पाबंदी लगाने का आदेश दिया है. प्रसारण मंत्रालय ने भी आदेश जारी करके ऐसे मैटेरियल के प्रसारण पर रोक लगाने का आदेश दिया है जिसे अश्लील या हिंसक और सेक्सुअल माना जाता है.’

श्रेया कहती हैं, ‘कानूनी तौर पर किसी तरह का व्यवहार, इशारा या इमेज जिसमें यौनिकता हो वह पोर्नोग्राफी है.’

पिछले दो दशकों में डिजिटल तकनीक के प्रसार की वजह से ये ताकत मजबूत हुई हैं. ऐसे में इन्हें किसी कानून से रोक पाना संभव नहीं है. 1960 के दशक में वीडियो टेप ने पोर्नोग्राफी इंडस्ट्री को अमेरिका में फलने-फूलने में मदद की और यह दुकानों और मिडिल क्लास के लिविंग रूम तक पहुंच गया. अब कोई भी बस एक स्मार्टफोन की मदद से ऐसे वीडियो बना सकता है और और उन्हें देख सकता है.

भारत में पॉर्न इंडस्ट्री के कलाकारों को पता है कि वे पुरुषों की ज़रूरतों और उनकी लिप्सा पूरी कर रहे हैं. वे अपनी अपनी जरूरतें पूरी करने के लिए, अपनी सेक्सुअलिटी का व्यापार कर रही हैं. दूसरे शब्दों में कहें, तो वे अपनी ज़रूरतें पूरी करने के लिए अपनी सेक्सुअलिटी को बाजार में बेच रही हैं.

रजनी कहती हैं, ‘अब हमें किसी से भीख या उधार मांगने की जरूरत नहीं…. मैं अपना काम करती हूं और नकद पाती हूं. मेरा शोषण नहीं होता. मैं अपना परिवार चलाने के लिए यह कर रही हूं.’

निजता बनाए रखने के लिए, इस लेख में मौजूद कुछ नामों को बदल दिया गया है.

(इस ख़बर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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