कोलकाता, 12 मार्च (भाषा) पश्चिम बंगाल के डॉक्टरों के एक संयुक्त मंच ने राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) को पत्र लिखकर इस महीने की शुरुआत में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की कोलकाता इकाई के चुनाव के दौरान कथित अनैतिक व्यवहार के लिए डॉक्टरों को दंडित करने की मांग की है।
भारतीय चिकित्सा परिषद के पेशेवर आचरण, शिष्टाचार और नैतिकता विनियम, 2002 की संबंधित धाराओं के तहत शिकायत करते हुए 10 मार्च को राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग के नैतिकता और चिकित्सा बोर्ड के अध्यक्ष को पत्र भेजा गया। मंच के संयुक्त संयोजक पुण्यब्रत गुन और हीरालाल कोनार ने उस पत्र पर हस्ताक्षर किए जिसमें घटना के लिए संगठन के दो धड़े को दोषी ठहराया गया।
पत्र में कहा गया, ‘‘कई बदमाशों ने शहर में व्यस्त लेनिन सरण रोड के एक हिस्से को अवरुद्ध कर दिया, गालियां दीं और एक-दूसरे के साथ हाथापाई की। दुर्भाग्य से इसमें कई डॉक्टर थे और वे पश्चिम बंगाल चिकित्सा परिषद में पंजीकृत हैं। उनका नेतृत्व सरकार और चिकित्सा परिषद में महत्वपूर्ण पदों पर आसीन दो वरिष्ठ डॉक्टरों ने किया।’’
पत्र में कहा गया है कि इन तत्वों ने भारतीय चिकित्सा परिषद के पेशेवर आचरण, शिष्टाचार और नैतिकता विनियम, 2002 के प्रावधानों का खुले तौर पर उल्लंघन किया तथा पेशे की गरिमा और प्रतिष्ठा को धूमिल किया।
पत्र में कहा गया, ‘‘हम इन असभ्य कृत्यों की कड़ी निंदा करते हैं और उन्हें हमारे महान पेशे के लिए शर्मनाक घोषित करते हैं। हम आपसे इस मामले में तत्काल संज्ञान लेने और जांच के लिए आवश्यक कदम उठाने का अनुरोध करते हैं। हम उपद्रवियों के लिए कड़ी सजा की मांग करते हैं।’’
आईएमए की कोलकाता इकाई के अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर पांच मार्च को सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के दो धड़े आपस में भिड़ गए। दोनों धड़े के नेता- टीएमसी विधायक निर्मल मांझी और पार्टी के सांसद शांतनु सेन झगड़े के लिए एक-दूसरे पर आरोप लगाते रहे हैं। अशांति की आशंका को देखते हुए कार्यक्रम स्थल पर पुलिस की तैनाती की गई थी।
भाषा आशीष माधव
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