जम्मू, 12 मार्च (भाषा) केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने शनिवार को यहां जम्मू केंद्रीय विश्वविद्यालय में सतीश धवन अंतरिक्ष विज्ञान केंद्र का उद्घाटन करते हुए कहा कि 60 छात्रों के साथ पहला पाठ्यक्रम इस साल शुरू होगा।
प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री सिंह ने केंद्र के उद्घाटन को उत्तर भारत के लिए एक ‘‘ऐतिहासिक दिन’’ करार दिया। अक्टूबर 2018 में, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने भू-स्थानिक डेटा विश्लेषण की सुविधाओं के साथ केंद्र स्थापित करने के लिए जम्मू केंद्रीय विश्वविद्यालय के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए थे। इससे टिकाऊ प्राकृतिक संसाधनों और योजनाबद्ध भूमि उपयोग पैटर्न के संबंध में मदद मिलेगी।
इस केंद्र में उत्तर भारत की नदियों, हिमनद के रूप में संग्रहित बड़ी मात्रा में पानी के बेहतर उपयोग के लिए वायुमंडलीय अध्ययन, खगोल भौतिकी पर अनुसंधान प्रयोगशाला, वायुमंडलीय संवेदन और हिमनद अध्ययन प्रयोगशाला के लिए जमीन आधारित अवलोकन की सुविधा है।
केंद्र का उद्घाटन करने के बाद केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘यह न केवल जम्मू के लिए बल्कि पूरे उत्तर भारत के लिए एक ऐतिहासिक दिन है क्योंकि अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी दक्षिण भारत तक ही सीमित थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जहां एक तरफ निजी कंपनियों के लिए अंतरिक्ष क्षेत्र में भूमिका को सुनिश्चित किया गया, वहीं दूसरी तरफ देश के दूसरे हिस्सों में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी संस्थानों को भी खोलने का फैसला लिया गया।’’
सिंह ने ‘फ्रंटियर्स ऑफ स्पेस टेक्नोलॉजी एंड एप्लीकेशन फॉर ह्यूमैनिटी’ सम्मेलन का भी उद्घाटन किया। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उनके सुझाव पर केंद्र का नाम इसरो के पूर्व अध्यक्ष के नाम पर रखा गया, क्योंकि वह जम्मू कश्मीर के निवासी थे और डोगरा समुदाय के ‘‘वास्तविक गौरव’’ थे।
सिंह ने कहा, ‘‘वह (सतीश धवन) यहां से बंगलौर (अब बेंगलुरू) गए थे और उनकी वजह से अंतरिक्ष अनुसंधान का मुख्यालय बंगलौर में स्थापित किया गया था, न कि दिल्ली में क्योंकि वह कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं पर काम कर रहे थे।’’ केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह देश में अपनी तरह का दूसरा शिक्षण संस्थान है, पहला केरल के तिरुवनंतपुरम में स्थित है।
भाषा आशीष दिलीप
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