शिलांग, 11 मार्च (भाषा) मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड के. संगमा और उनके भाई एवं ऊर्जा मंत्री जेम्स पी. के. संगमा शुक्रवार को यहां विधानसभा सत्र में शामिल नहीं हुए क्योंकि उन्हें मणिपुर में अगली सरकार में नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) को शामिल कराने के लिए भाजपा के साथ बातचीत करने मणिपुर रवाना होना था।
भाजपा ने मणिपुर विधानसभा चुनावों में साधारण बहुमत हासिल किया है, जिसकी मतगणना बृहस्पतिवार को संपन्न हुई थी। हालांकि, कार्यवाहक मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह सहित प्रदेश भाजपा के नेताओं ने संकेत दिया है कि वे एनपीपी के साथ गठबंधन जारी रखने को लेकर उत्सुक नहीं हैं, जो (एनपीपी) राज्य में राजग का हिस्सा है।
मणिपुर में एनपीपी ने 7 सीटें जीती हैं और राज्य में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी है जबकि भाजपा ने 32 सीटें जीती हैं। भाजपा के नेताओं ने हालांकि संकेत दिया है कि वे नगा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) से समर्थन लेने के पक्ष में हैं, जिसके पास 5 सीटें हैं।
एनपीपी के एक नेता ने नाम गुप्त रखने की शर्त पर पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘मेघालय के मुख्यमंत्री एनपीपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता जेम्स पी के संगमा के साथ इंफाल में डेरा डाले हुए हैं। वे पार्टी के अन्य नेताओं के साथ राज्य की राजधानी में डेरा डाले हुए हैं।’’
एनपीपी नेता के अनुसार एनपीपी अध्यक्ष मणिपुर में भाजपा के साथ अपनी पार्टी के संबंधों को सुधारने के प्रयास के तहत पूर्वोत्तर और दिल्ली, दोनों ही जगह भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के साथ अपने पुराने संबंधों का उपयोग कर रहे हैं।’’
एनपीपी के नेतृत्व वाले मेघालय लोकतांत्रिक गठबंधन (एमडीए) में भाजपा के दो विधायक भी शामिल हैं। हालांकि, भाजपा एमडीए द्वारा कांग्रेस विधायकों को सरकार में शामिल करने और एनपीपी द्वारा भाजपा के साथ मणिपुर विधानसभा चुनाव में ‘दोस्ताना’ मुकाबला किये जाने से नाखुश है।
भाषा अमित सुभाष
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