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आज के चित्रित छह अलग-अलग कार्टूनों, जिसे आर प्रसाद ने 2022 के विधानसभा चुनाव परिणामों के दि इकोनॉमिक टाइम्स के कवरेज के लिए तैयार किया है.
वह हिंदू रस्सी चाल के कुख्यात स्टीरियोटाइप की ओर इशारा करते हैं, जिसका अर्थ है कि पीएम नरेंद्र मोदी ने योगी आदित्यनाथ को यूपी में ऐतिहासिक दूसरे कार्यकाल के लिए सहारा दिया.
पंजाब में AAP के 117 में से 92 सीटें जीतने के बाद, वह अरविंद केजरीवाल को अंडे से बाहर निकलते हुए और अपनी पार्टी के चुनाव चिन्ह, झाड़ू को उतारते हुए भी दिखाते हैं.
कांग्रेस की विभिन्न स्तर पर आलोचना की गई है- केंद्रीय नेतृत्व की, जिसका प्रतिनिधित्व राहुल गांधी करते हैं, जिन्हें यह कहते हुए चित्रित किया गया है कि ‘मतदाता पार्टी की नब्ज को पढ़ने में विफल रहे’, और पंजाब पार्टी के प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू, पूर्व क्रिकेटर, खुद के लिए दौड़ रहे और खुद कांग्रेस को बाहर कर दिए. कार्टूनिस्ट ने इस साल जनवरी से निवर्तमान मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की ‘मैं क्या करूं यार’ टिप्पणी का इस्तेमाल कांग्रेस की हार को रोकने में अपनी बेबसी को समझाने के लिए किया है.
प्रसाद ने मायावती के नेतृत्व वाली बसपा की लगभग पूर्ण हार पर भी टिप्पणी की, क्योंकि उसने यूपी और पंजाब में सिर्फ एक-एक सीट जीती है. नेता अपनी पार्टी के प्रतीक चिन्ह हाथी से कहती हैं कि ‘यह अच्छा है कि हमने अपने ऊपर दांव नहीं लगाया’, पार्टी और अपने स्वयं के अभियान में ऊर्जा की कमी का जिक्र करते हुए.
आलोक निरंतर ने राष्ट्रीय स्तर पर योगी आदित्यनाथ और अरविंद केजरीवाल के बदलते राजनीतिक कद पर टिप्पणी करते हुए दिखाया कि वे एक ऐसी जगह पर चढ़ रहे हैं जहां वर्तमान में केवल पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और कांग्रेस नेता राहुल गांधी खड़े हैं.
संदीप अध्वर्यु ने 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रदर्शन पर तंज कसा है. नेतृत्व और राजनीतिक प्रबंधन पर लगातार सवाल उठते रहे हैं, लेकिन कांग्रेस की फिसलन का कोई अंत नहीं दिख रहा है.
कार्टूनिस्ट सतीश आचार्य ने नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब में पार्टी प्रमुख के रूप में नियुक्त करने के कांग्रेस आलाकमान के फैसले पर कटाक्ष किया, क्योंकि चुनाव परिणाम के दिन उसकी उम्मीदें धराशायी हो गईं.
मंजुल विधानसभा चुनाव परिणामों पर भी ध्यान आकर्षित करते हैं, जिसमें दिखाया गया है कि जहां पीएम मोदी और अमित शाह राजनीतिक परिदृश्य में नंबर 1 हैं, वहीं अरविंद केजरीवाल अब नंबर 2 हैं, जबकि राहुल गांधी रेत में दबे हुए हैं.
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