(सीमा हाकू काचरू)
ह्यूस्टन (अमेरिका), 10 मार्च (भाषा) भारतीय अमेरिकी गैर लाभकारी संस्था ‘सेवा इंटरनेशनल’ ने रूसी सैन्य हमले के बीच यूक्रेन के सूमी से 367 नाइजीरियाई नागरिकों समेत 467 अफ्रीकी छात्रों को बाहर निकाला है।
संगठन ने एक बयान में बताया कि यूक्रेन में नाइजीरिया के राजदूत शिना अलेगे के अनुरोध पर ‘सेवा’ के स्वयंसेवकों ने निकासी प्रयासों को समन्वित किया।
नाइजीरिया के विदेश मामलों के मंत्री जियोफ्री ओनयेमा ने ट्वीट करके ‘सेवा इंटरनेशनल यूरोप’ को धन्यवाद दिया। उन्होंने बस मुहैया कराने के लिए यूक्रेन सरकार का भी शुक्रिया अदा किया। उन्होंने एक अन्य ट्वीट में राजदूत अलेगे के ‘‘दृढ़ संकल्प’’ के लिए उन्हें धन्यवाद दिया।
संगठन ने कहा कि ‘सेवा यूरोप’ यूक्रेन में युद्ध के कारण फंसे लोगों को बाहर निकालने के प्रयास कर रहा है और उसने नाइजीरिया के 367 तथा नामीबिया, जाम्बिया एवं दक्षिण अफ्रीका से 100 अन्य छात्रों सहित कुल 467 अफ्रीकी छात्रों को मंगलवार को सूमी से निकाला।
छात्रों को सूमी से रोमानिया की सीमा तक लाया गया, जहां से उनके अपने-अपने देशों के लिये उड़ान भरने की उम्मीद है।
यूरोप में ‘सेवा इंटरनेशनल’ के स्वयंसेवकों ने युद्ध शुरू होने के बाद से करीब 1,200 व्यक्तियों की मदद की है।
यूक्रेन में 100 से अधिक ‘सेवा’ स्वयंसेवक काम कर रहे हैं और सीमा के पास 50 स्वयंसेवक लोगों को सीमा पार करने में सहायता कर रहे हैं। ‘सेवा इंटरनेशनल’ अब तक 12 देशों के फंसे लोगों की मदद कर चुका है। इस कार्य में ‘सेवा इंटरनेशनल’ को अंतरराष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ (इस्कॉन) और स्वामीनारायण संस्था (बीएपीएस) जैसे कई धार्मिक संगठनों और पोलैंड एवं रोमानिया जैसे सीमावर्ती देशों के नागरिकों से सहयोग मिल रहा है।
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सिम्मी प्रशांत
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