पटना, नौ मार्च (भाषा) राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव ने बिहार के मद्य निषेध कानून में प्रस्तावित संशोधन की आलोचना करते हुए कहा कि इसका दुरूपयोग सीधे तौर पर लोगों से निजी दुश्मनी साधने के लिए भी किया जा सकेगा।
नये संशोधन के तहत शराब के नशे में पकड़ा गया व्यक्ति यदि उसे शराब की आपूर्ति करने वाले की जानकारी देता है तो वह शराब पीने संबंधी जेल की सजा से बच सकता है या उसे सजा में छूट मिल सकती है।
शराबबंदी कानून में प्रस्तावित संशोधन को मंगलवार को कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है और विधायिका द्वारा पारित होने के बाद इसके लागू होने की संभावना है।
बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने पत्रकारों द्वारा संशोधन के बारे में सवाल किए जाने पर कटाक्ष करते हुए और बगल में बैठे अपने वरिष्ठ पार्टी सहयोगी आलोक मेहता को उदाहरण के तौर पर लेते हुए कहा, ‘‘मान लीजिए कि आलोक जी नशे में हैं और वह मेरे खिलाफ शिकायत कर रहे हैं। वह पुलिस के सामने झूठा दावा कर सकते हैं कि उन्हें तेजस्वी द्वारा शराब की आपूर्ति की गई है।’’
उन्होंने शराबबंदी कानून में प्रस्तावित संशोधन को हास्यास्पद बताते हुए आशंका जतायी कि इसका दुरुपयोग हो सकता है
अटकलें लगाई जा रही हैं कि शराबबंदी कानून में प्रस्तावित संशोधन भारत के प्रधान न्यायाधीश एन. वी. रमण द्वारा राज्य के शराबबंदी कानून के कारण अदालतों में जमानत से जुड़ी लंबित याचिकाओं की संख्या पर नाराजगी व्यक्त करने के बाद पेश किया गया है।
नीतीश कुमार नीत सरकार ने 2016 में राज्य में शराब की बिक्री और खपत पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया था, उस वक्त तेजस्वी तत्कालीन जदयू-राजद गठबंधन सरकार में उपमुख्यमंत्री थे।
गौरतलब है कि राज्य में पिछले कुछ महीनों में जहरीली शराब के सेवन से 50 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
भाषा अनवर अर्पणा
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