नयी दिल्ली, नौ मार्च (भाषा) इंडियन ऑटो एलपीजी कोअलिशन (आईएसी) ने भारत चरण-छह (बीएस-6) उत्सर्जन मानक वाले वाहनों को ऑटो एलपीजी और सीएनजी में बदलने संबंधी सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की अधिसूचना पर सवाल उठाए हैं।
आईएसी ने बुधवार को एक बयान में कहा कि मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना के मसौदे के अनुसार, बीएस-6 वाहनों को एलपीजी और सीएनजी में बदलने के लिए दुर्घटना परीक्षण और सेवा में अनुरूपता होना जरूरी है। उसने इस अधिसूचना को पूरी तरह अव्यावहारिक और अव्यवहार्य बताया है।
आईएसी ने इस बारे में मंत्रालय को पत्र लिखकर अपनी आपत्तियों से अवगत कराया है।
आईएसी ने कहा कि उसने अपने पत्र में कई मुद्दों पर आपत्ति जताई है। पत्र के मुताबिक, मसौदा अधिसूचना में वाहन किस्म की मंजूरी के लिए वैधता की सीमित अवधि को बनाए रखा गया है। इसके अलावा दुर्घटना परीक्षण को भी अनिवार्य किया गया है।
बयान में कहा गया है कि इस तरह के प्रस्तावों को आगे बढ़ाने से बाहर से वाहन कलपुर्जे बनाने वाली रेट्रोफिटमेंट फर्मों के मुकाबले मौलिक उपकरण विनिर्माताओं (ओईएम) को समान अवसर मुहैया कराने की स्थिति प्रभावित होगी। उसका कहना है कि ये कदम सरकार के दीर्घकालिक पर्यावरण लक्ष्यों के साथ भी समझौता करने वाले होंगे।
आईएसी ने कहा कि ऐसा अनुमान है कि रेट्रोफिटमेंट फर्मों को प्रत्येक तीन साल में नवीकरण कराने पर 10 करोड़ रुपये की लागत आएगी।
भाषा अजय अजय प्रेम
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