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Sunday, 29 September, 2024
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अनुबंधित और दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के नियमितीकरण में देरी को लेकर भाजपा ने किया बहिर्गमन

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रायपुर, आठ मार्च (भाषा) छत्तीसगढ़ विधानसभा में मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने मंगलवार को सत्ताधारी कांग्रेस पर सरकारी विभागों में अनुबंधित और दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को नियमित करने के अपने चुनावी वादे को पूरा करने में विफल रहने का आरोप लगाया। इस मुद्दे पर भाजपा विधायकों ने सदन से बहिर्गमन भी किया।

विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान विपक्ष के नेता धरम लाल कौशिक ने एक जनवरी वर्ष 2019 से 31 जनवरी वर्ष 2022 तक राज्य में नियमित रूप से नई नियुक्ति को लेकर सवाल किया।

कौशिक ने कहा कि राज्य सरकार ने अपने (लिखित) जवाब में दावा किया था कि 20,291 लोगों को सरकारी नौकरी दी गई है, जबकि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने हाल ही में अपने सार्वजनिक भाषण में दावा किया था कि पांच लाख लोगों को नौकरी दी गई है।

उन्होंने आरोप लगाया कि इससे पता चलता है कि राज्य सरकार की योजनाएं केवल विज्ञापनों और कागजों तक सीमित हैं।

कौशिक ने इस दौरान अनियमित, अनुबंधित और दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के नियमितीकरण को लेकर सवाल किया। उन्होंने कहा कि इसका वादा कांग्रेस ने अपने जन-घोषना पत्र में किया था।

विपक्ष के नेता ने कहा कि बड़ी संख्या में ऐसे कर्मचारी राज्य भर में विशेष रूप से राजधानी रायपुर में अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। उन्होंने पूछा कि उनकी मांग कब पूरी होगी।

अपने जवाब में मुख्यमंत्री ने बताया कि रोजगार का मतलब सिर्फ सरकारी नौकरी नहीं है।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने गैर-नियमित कर्मचारियों के नियमितीकरण के लिए एक समिति का गठन किया है और अस्थायी कर्मचारियों के नियमितीकरण के संबंध में उच्चतम न्यायालय के आदेश का अध्ययन किया जा रहा है।

बघेल ने कहा कि इस संबंध में राज्य के महाधिवक्ता और कानून विभाग तथा राज्य के अन्य विभागों से भी राय मांगी गई है। उन्होंने कहा कि अब तक 33 विभागों से ऐसे कर्मचारियों का विवरण प्राप्त हुआ है जबकि कुछ अन्य विभागों से इसकी प्रतीक्षा की जा रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार चुनावी वादों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है और अस्थायी कर्मचारियों को समिति की सिफारिश के अनुसार नियमित किया जाएगा।

तब वरिष्ठ भाजपा नेता कौशिक ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा इस उद्देश्य के लिए बनाई गई समिति की पहली बैठक जनवरी 2020 में हुई थी, लेकिन उसके दो साल बाद भी इस संबंध में कोई और कार्रवाई नहीं की गई है।

बाद में सरकार के जवाब से असंतुष्ट भाजपा विधायकों ने सदन से बहिर्गमन कर दिया।

भाषा संजीव राजकुमार

राजकुमार

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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