नयी दिल्ली, सात मार्च (भाषा) राष्ट्रीय उद्यमिता एवं लघु व्यवसाय विकास संस्थान (निस्बड) और ग्रामीण विकास मंत्रालय के बीच हुए एक समझौते के तहत ग्रामीण क्षेत्र के उद्यमी वित्तीय मदद जुटाने के लिए मुद्रा बैंक समेत बैंकिंग प्रणालियों तक पहुंच बना पाएंगे।
सोमवार को जारी एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, इस आशय के समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर निस्बड और ग्रामीण विकास मंत्रालय ने हस्ताक्षर किए हैं। इसमें ग्रामीण क्षेत्रों के उद्यमियों को कारोबार शुरू करने के लिए वित्त जुटाने के वास्ते बैंकिंग प्रणाली तक पहुंच बनाने में मदद दी जाएगी।
स्टार्टअप ग्रामीण उद्यमिता कार्यक्रम (एसवीईपी) की शुरुआत कर ग्रामीण उद्यमियों को यह मदद उपलब्ध कराई जाएगी। यह कार्यक्रम मंत्रालय की तरफ से संचालित दीनदयाल अंत्योदय योजना- राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) का एक घटक होगा।
ग्रामीण विकास मंत्रालय के साथ साझेदारी करने वाला निस्बड कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के तहत गठित एक स्वायत्त संस्थान है।
बयान के मुताबिक, इस साझेदारी से ग्रामीण समुदाय को अपना कारोबार खड़ा करने और उसे स्थिर आधार देने तक वित्तीय समर्थन मुहैया कराने में मदद दी जाएगी। इसके तहत ग्रामीण उद्यमियों को कारोबार से जुड़ी जानकारी और सलाह भी दी जाएगी।
इस साझेदारी के दौरान ग्रामीण उद्यमियों की बैंकिंग प्रणाली तक पहुंच बन पाएगी जिसमें मुद्रा बैंक के तहत कर्ज लेने की सुविधा भी शामिल है।
कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के सचिव राजेश अग्रवाल ने कहा कि एसवीईपी से ग्रामीण क्षेत्र में एक नवाचारी पारिस्थितिकी बनाने में मदद मिलेगी और आर्थिक एवं सामाजिक लाभ भी सामुदायिक स्तर पर मिलेंगे।
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प्रेम अजय
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