भोपाल, सात मार्च (भाषा) मध्य प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन सोमवार को पक्ष और विपक्ष ने कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी के उस ट्वीट की समवेत स्वर में आलोचना की, जिसमें उन्होंने लिखा था कि वह राज्यपाल के अभिभाषण का बहिष्कार करेंगे। सदस्यों ने इसे सदन की मान्य परंपराओं के खिलाफ करार दिया।
राज्यपाल के अभिभाषण के बाद संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने औचित्य के सवाल पर अध्यक्ष की व्यवस्था चाहते हुए कहा, ‘‘पटवारी जी ने ट्वीट करके राज्यपाल जी के भाषण के बहिष्कार की बात की है या विरोध दर्ज कराया है। अगर इस तरह की परंपरा शुरू हुई तो क्या आगे से मोबाइल या ट्विटर पर ही बहिष्कार किया जाएगा। इस पर नेता प्रतिपक्ष को कुछ कहना चाहिए।’’
मिश्रा ने कहा कि विरोध करने का पटवारी ने जो तरीका अपनाया है, यह निंदनीय है। दूसरी बात यह है कि उन्होंने (पटवारी) विरोध किया तो उन्हें अभिभाषण मिला कहां से।
इस पर नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ ने कहा, ‘‘ऐसे ट्वीट से मैं भी सहमत नहीं हूं, जिससे सदन की गरिमा प्रभावित हो। यह हमारी पार्टी का फैसला नहीं था, न अब था और न आगे रहेगा। मेरी पार्टी भी सहमत है कि इस सदन की गरिमा बनाए रखने की जिम्मेदारी हम सबकी है।’’
उन्होंने कहा कि संबंधित ट्वीट की जानकारी उन्हें घंटे भर पहले ही मिली।
अंत में विधानसभा अध्यक्ष ने इस गंभीर मुद्दे को उठाने के लिए संसदीय कार्य मंत्री मिश्रा का धन्यवाद देते हुए कहा कि संसदीय मान्य परंपराओं को खंडित नहीं होने देना चाहिए। इसके लिए पक्ष विपक्ष दोनों ने अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है।
उन्होंने कहा, ‘‘ इस तरह की जो गतिविधियां ठीक नहीं हैं।’’
इसके बाद कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक लक्ष्मण सिंह ने बजट सत्र के पहले ही बजट के समाचार पत्र में लीक होने का विषय उठाते हुए कहा कि यह सदन की अवमानना है।
इस पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गलत परम्परा (ट्विटर पर बहिष्कार) का विरोध करने के लिए नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ का धन्यवाद देते हुए कहा, ‘‘ पक्ष हो या विपक्ष, संसदीय परंपराओं का पालन करना हमारा धर्म है।’’
उन्होंने बजट लीक होने के मुद्दे पर कहा कि बजट के बारे में अखबार कुछ भी अनुमान लगाते रहते हैं और इसे यह न माना जाए कि यह किसी ने जानबूझकर लीक किया है।
भाषा दिमो सुरेश
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