मुंबई, सात मार्च (भाषा) महाराष्ट्र विधानसभा ने सोमवार को दो विधेयक पारित किए जिनके तहत राज्य सरकार को वार्डों का सीमांकन करने तथा वार्डों की संख्या निर्धारित करने का अधिकार दिया गया है और राज्य चुनाव आयोग के लिए जरूरी किया गया है कि सरकार से सलाह के बाद ही चुनाव कार्यक्रम को अंतिम रूप दिया जाए।
एमवीए सरकार ने मुंबई महानगरपालिका अधिनियम और महाराष्ट्र नगर परिषदों, नगर पंचायतों, औद्योगिक नगरीय योजना कानून के साथ-साथ महाराष्ट्र ग्राम पंचायत तथा जिला परिषद और पंचायत समिति अधिनियम में संशोधन पेश किए हैं।
तीन मार्च को उच्चतम न्यायालय ने राज्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) आयोग की एक रिपोर्ट को खारिज कर दिया था जिसमें स्थानीय निकायों में ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण देने की सिफारिश की गई थी।
राज्य के सभी राजनीतिक दलों ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया है कि जबतक यह आरक्षण बहाल नहीं हो जाता है तबतक स्थानीय निकायों के चुनाव नहीं कराएं जाएं। यह भी फैसला किया गया है कि स्थानीय निकाय चुनाव कराने का निर्णय लेने का अधिकार सरकार को देने के वास्ते कानून बनाने के लिए मध्य प्रदेश मॉडल अपनाया जाए।
महाराष्ट्र मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को इन दो विधेयकों को मंजूरी दी थी और उन्हें सोमवार को विधानसभा में पारित कराने के लिए पेश किया गया।
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नोमान उमा
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